गणेश मंदिर बंद के साथ ही बदरीनाथ के कपाट बंद की प्रक्रिया शुरू
गणेश पूजा के साथ गणेश मंदिर के कपाट इस वर्ष के लिए बंद कर दिए गए। 16 नवंबर को तीसरे पहर 3:45 बजे भगवान बदरी विशाल के कपाट बंद कर दिए जाएंगे।
बदरीनाथ, [जेएनएन]: श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 16 नवंबर को विधि विधान के साथ दोपहर 3:45 बजे शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। पहले दिन गणेश मंदिर के कपाट बंद किए गए हैं।
12 नवंबर को गणेश मंदिर के कपाट बंद करने की प्रक्रिया प्रात: अभिषेक व महाभिषेक पूजा के साथ शुरू हुई। श्री बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी के संरक्षण में धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल व वेदपाठियों द्वारा वेद मंत्रोच्चार के बीच गणेश मंदिर के कपाट बंद करने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई।
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प्रत्येक दिन की तरह इस बार भी दिनभर सभी प्रकार की पूजाओं में भगवान गणेश का पूजन किया गया। सायंकालीन आरती के बाद गणेश भगवान को उनके प्रार्थना मंडप स्थित शीतकालीन निवास स्थान पर विराजित किया गया।
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इसके साथ ही पंचपूजाओं में प्रथम दिन की पूजाएं पूरी हुईं। इस अवसर पर वेदपाठी सत्य प्रसाद चमोला, राधाकृष्ण थपलियाल, मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह, मेहता थोक, भंडारी थोक, डिमरी हक हकूकधारियों के साथ कई लोग मौजूद थे।
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