इस महिला प्रधान ने नारी के लिए खोले स्वरोजगार के रास्ते
ग्राम पंचायत सैंज की प्रधान अनीता टम्टा ने न केवल सहकारिता को समझा, बल्कि इसी के माध्यम से क्षेत्र की 800 महिलाओं के लिए रोजगार के द्वार भी खोल दिए।
बागेश्वर, [ज्ञानेंद्र कुमार शुक्ल]: अच्छा लीडर वही है, जो अपनी टीम को मजबूत करने में विश्वास रखता है। ऐसी ही लीडर हैं ग्राम पंचायत सैंज की प्रधान अनीता टम्टा। सामूहिक सहभागिता में विश्वास रखने वाली अनीता ने न केवल सहकारिता को समझा, बल्कि इसी के माध्यम से क्षेत्र की 800 महिलाओं के लिए रोजगार के द्वार भी खोल दिए। उनके प्रयासों से क्षेत्र की ये महिलाएं आज आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर हैं।
बागेश्वर में तहसील रोड पर पेट्रोल पंप के आगे संगम कृषक उत्पादक स्वायत्त सहकारिता केंद्र है। नाबार्ड की योजना के तहत खोले गए इस केंद्र का संचालन अनीता करती हैं। यहीं से आगे बढ़ती है क्षेत्र की महिलाओं के स्वरोजगारी बनने की कहानी।
महिलाएं गांव के किसानों से खरीदे गए कच्चे मसालों, चावल, दाल आदि की पैकेजिंग कर उन्हें बाजार में बेचती हैं। उनके अधिकांश उत्पाद स्थानीय व्यापारी ही खरीद लेते हैं। नाबार्ड की ओर से सहयोग के लिहाज से हर महिला को 147 रुपये का भुगतान किया जाता है। केंद्र से सीधे ग्राहकों को भी बिक्री की जाती है। दुकान पर काम करने से लेकर माल खरीद, बिक्री, पैकिंग आदि कार्यों में करीब 800 महिलाएं सहयोगी भी हैं और लाभार्थी भी।
अनीता बताती हैं कि अब केंद्र का लक्ष्य गांव के आसपास की कम से कम पांच हजार महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ना है। वह खुद बीए तक पढ़ी हैं और चाहती हैं कि गांव में विकास शैक्षिक उन्नयन के साथ-साथ धरातल पर दिखाई दे।
समिति की सचिव निशा लूथरा कहती हैं कि महिलाओं को स्वरोजगार से जोडऩे के लिए प्रशिक्षण शिविर भी चलाए जा रहे हैं। इनमें ब्यूटीशियन व सिलाई के अलावा गांवों में प्रधानमंत्री कौशल विकास मिशन के तहत भी महिलाओं को स्वरोजगारी बनाया जा रहा है।
बचत के प्रति भी जागरूकता
गांव की महिलाओं का सौ रुपये प्रति माह के हिसाब से बचत खाता खुलवाया गया है। ताकि उनमें बचत की आदत विकसित हो सके। इस तरह के चार केंद्र शहर में हैं। तहसील रोड के अलावा भागीरथी, चौरासी, सरस मार्केट में यही काम हो रहा है।
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