जाली नोटों के कारोबार में दोषी को आजीवन कारावास
सत्र न्यायाधीश की अदालत ने जाली नोटों के धंधे में लिप्त एक आरोपी को आजीवन कारावास व उसके दो साथियों को सात-सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है।
अल्मोड़ा, [जेएनएन]: सत्र न्यायाधीश की अदालत ने जाली नोटों के धंधे में लिप्त एक आरोपी को आजीवन कारावास व उसके दो साथियों को सात-सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला अगस्त 2016 में जिले के द्वाराहाट बाजार में पकड़ा गया था। अभियुक्तों में एक झारखंड, दूसरा पश्चिम बंगाल व तीसरा बिहार का है।
मामले के मुताबिक तीन अगस्त 2016 को वादी ओमनाथ आर्या अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट बाजार में अपनी जूते-चप्पल की दुकान बैठे थे। दोपहर गरीबा महतो नामक व्यक्ति दुकान में आया और एक जोड़ी चप्पल खरीदते हुए दुकानदार को एक हजार रुपये का नोट दिया। कीमत काट ओमनाथ ने गरीबा को 900 रुपये वापस दिए।
बाद में सभी ने उस 1000 रुपये के नोट को नकली बताया। अगले दिन इसकी सूचना द्वाराहाट थाने में दी। टीम के साथ विवेचना को पहुंचे एसआइ दरबान सिंह मुख्य चौराहे पर पहुंचे और संदिग्ध लोगों के बारे पता किया। पता चला कि तीन लोग जाली नोटों का कारोबार कर रहे हैं। तीनों भूमिया मंदिर मल्ली मिरई पर खड़े हैं।
पुलिस ने मौके पर पहुंच तीनों को दबोचा। इनमें वाल्मिकी चौधरी पुत्र बेचन चौधरी निवासी बामा चरनटाला, मानिक चौक, जिला मालदा, पश्चिम बंगाल, गरीबा महतो पुत्र बड़ा पंचू चौधरी निवासी गदाय महाराजपुर दियारा, थाना राजमहज सदर, जिला साहबगंज, झारखंड तथा समर मंडल उर्फ सुमीर पुत्र फूल चंद्र निवासी ग्राम छर्रामरी थाना अमदाबाद, जिला कटियार, बिहार शामिल हैं।
पुलिस को उनके बैग से अलग-अलग एक लाख पांच हजार के जाली नोट व दो लाख रुपये के असली नोट मिले थे। मामले का विचारण सत्र न्यायाधीश अल्मोड़ा डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा की अदालत में चला। अदालत ने गरीबा महतो को धारा आजीवन कारावास व सात वर्ष की सजा तथा पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
ये दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी। अन्य दो अभियुक्तों समर मंडल एवं वाल्मिकी चौधरी को सात-सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। वर्तमान में आरोपी जिला जेल अल्मोड़ा में निरुद्ध हैं।
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