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    ग्रामीणों की मांग, निजी हाथों से मुक्त हो ऐतिहासिक दूनागिरि मंदिर

    By raksha.panthariEdited By:
    Updated: Sun, 24 Sep 2017 08:55 PM (IST)

    द्वाराहाट में दूनागिरी मंदिर को निजी हाथों से मुक्त कराने के लिए आंदोलन चल रहा है। आंदोलनकारियों का कहना है कि अगर जल्द ऐसा नहीं होता तो वेे उग्र आंदो ...और पढ़ें

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    ग्रामीणों की मांग, निजी हाथों से मुक्त हो ऐतिहासिक दूनागिरि मंदिर

    द्वाराहाट, [जेएनएन]: अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट में ऐतिहासिक दूनागिरि मंदिर को निजी ट्रस्ट से मुक्त कराकर वहां पुरानी व्यवस्था बहाल करने की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन अब और भी उग्र होने लगा है। लोगों ने मामले में शासन-प्रशासन पर क्षेत्रीय जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि एक साल से मामले में कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण मंदिर में मनमानी बढ़ती जा रही है और इससे लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है। उन्होंने मंदिर को निजी ट्रस्ट से शीघ्र मुक्त न करवाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।  

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    दूनागिरि मंदिर को निजी ट्रस्ट के चुंगल से मुक्त करा वहां पुरानी व्यवस्था बहाल करने की मांग को लेकर संयुक्त संघर्ष समिति का आंदोलन रविवार को चौथे दिन भी जारी रहा। नगर पंचायत प्रांगण में धरना स्थल पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने शासन प्रशासन पर कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि प्रशासन की उदासीनता के चलते ही ऐतिहासिक मंदिर निजी ट्रस्ट के हवाले हो रहा है। जिस कारण लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता का हनन होने लगा है। 

    उन्होंने आरोप लगाया कि 2016 में हुए आंदोलन के समझौते के अनुसार मंदिर में 15 दिन के भीतर पुरानी व्यवस्था बहाल करने का लिखित आश्वासन दिया गया। लेकिन एक साल गुजर जाने के बावजूद मंदिर पर निजी ट्रस्ट की आड़ में कुछ लोगों का कब्जा बरकरार है। जिस कारण धर्म प्रेमी जनता और श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुंच रही है। इसको किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस दौरान तय हुआ कि देश-विदेश के श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र दूनागिरि मंदिर को कुछ स्वार्थी लोगों के चुंगल से मुक्त करवाने के लिए गांवों में जनजागरण किया जाएगा।  

    वहीं आंदोलनकारियों का यह भी कहना है कि शासन-प्रशासन ने मामले में शीघ्र पहल कर जनभावनाओं के अनुरूप मंदिर में प्रशासनिक हस्तक्षेप वाली समिति के हाथों व्यवस्था नहीं सौंपी तो लोग उग्र आंदोलन के लिए बाध्य हों जाएंगे। 

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