Move to Jagran APP

जनता के बीच मानवाधिकार आयोग

By Edited By: Published: Tue, 26 Nov 2013 01:12 AM (IST)Updated: Tue, 26 Nov 2013 01:13 AM (IST)
जनता के बीच मानवाधिकार आयोग

जागरण संवाददाता, वाराणसी :

loksabha election banner

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की फुल बेंच 26 व 27 नवंबर को यहां जनता के बीच में बैठेगी। आयोग के अध्यक्ष केजी बालकृष्णन की अध्यक्षता में संचालित होने वाली यह बेंच आयुक्त सभागार में दो दिन तक अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति से जुड़े प्रकरणों की जन सुनवाई करेगी। मंडल के वाराणसी, चन्दौली, गाजीपुर व जौनपुर के 123 मुद्दों पर फैसला होना है।

आगवानी कर दिया गार्ड आफ आनर

सर्किट हाउस में दोपहर करीब 12 बजे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष केजी बालकृष्णन के पहुंचने पर आयुक्त चंचल कुमार तिवारी, आइजी जीएल मीणा ने पुष्पगुच्छ भेंटकर उनकी आगवानी की। बाद में सशस्त्र पुलिस गारद ने उन्हें गार्ड आफ आनर दिया।

किसके जिम्मे होंगे कितने प्रकरण

जन सुनवाई में 26 नवंबर को मानवाधिकार आयोग के सदस्य एससी शर्मा द्वारा 45 प्रकरणों, जस्टिस डी मुरुगेशन की पीठ द्वारा 45 प्रकरणों की जन सुनवाई किया जाना है। 27 नवंबर को पीठ की सदस्य एससी सिन्हा द्वारा 18 प्रकरणों व जस्टिस डीमुरुगेशन की पीठ द्वारा 15 प्रकरणों की जन सुनवाई होनी है।

जस्टिस बालाकृष्णन करेंगे उद्घाटन

आयुक्त सभागार में जन सुनवाई कार्यक्रम का उद्घाटन 26 नवम्बर को सुबह 10.30 बजे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष जस्टिस केजी बालाकृष्णन करेंगे। आयोग के संयुक्त रजिस्ट्रार (विधि) एकेपराशर ने सोमवार को सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। बताया कि जन सुनवाई 11.15 बजे से प्रारम्भ होगी, जो सायं 4.30 बजे तक चलेगी। इसी तरह से दूसरे दिन 27 नवंबर को प्रात:10 से 11 बजे तक जन सुनवाई होगी। सुबह 11.15 बजे से 12.15 बजे तक जनपद के स्वयंसेवी संगठनों संग तथा दोपहर 12.30 से 1.30 बजे तक संबन्धित अधिकारियों के साथ आयोग के अध्यक्ष व सदस्यगण बैठक करेंगे। यह छठीं जन सुनवाई होगी।

आयोग की सख्त गाइडलाइन का असर

इससेपहले उड़ीसा, गुजरात, तमिलनाडु, राजस्थान व महाराष्ट्र में आयोग सुनवाई कर चुका है। सवाल के जवाब में कहा कि आयोग की गाइडलाइन के मुताबिक राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह 24 से 48 घंटे के भीतर मानवाधिकार से जुड़ी तमाम शिकायतों की जानकारी आयोग के समक्ष उपलब्ध कराए। इसके आधार पर आयोग मामले को संज्ञान में लेता है और मामले में पीड़ित पक्ष को सुनने का पूरा मौका भी देता है। आयोग की सख्त गाइड लाइन का असर अब जनसामान्य से जुड़ी घटनाओं में देखने और सुनने को अक्सर मिलता है।

यूपी में हैं सबसे ज्यादा शिकायतें

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के संयुक्त रजिस्ट्रार ने बताया कि 1993 से 2013 तक आयोग में करीब 14 लाख शिकायतें मिली हैं। इसमें सबसे ज्यादा सात लाख शिकायतें यूपी से हैं। इसका मतलब है कि यूपी में जागरूकता बढ़ी है। वर्तमान में 20 से 22 हजार मामले लंबित पड़े हैं। 8 से दस मामले सीबीआइ को रेफर कर दिए गए हैं। कहा कि आयोग की सख्त गाइडलाइन के चलते इनकाउंटर की घटनाओं का ग्राफ तेजी से नीचे गिरा है। पहले 150 से 200 इनकाउंटर की जगह 15-20 मामले गिनती के रह गए हैं।

कोई भी दर्ज करा सकता है शिकायत

आयोग के संयुक्त रजिस्ट्रार ने बताया कि फुल बेंच द्वारा मंडल के चारों जनपदों की जन सुनवाई के दौरान यदि कोई प्रार्थनापत्र देना चाहता है तो उसे लिया जाएगा। यह प्रार्थना पत्र आयोग को भेज दिया जाएगा।

सहायता केंद्र में तैनात किए अफसर

आयुक्त सभागार के बाहर एक सहायता केंद्र रहेगा। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी और जिला प्रोबेशन अधिकारी की सहायता केंद्र पर तैनाती होगी। कोर्ट नंबर एक बड़े हाल व कोर्ट नंबर दो छोटे हाल में चलेगी। कौन सा वाद किस पीठ में सुनवाई के लिए लग रहा, इसकी जानकारी पूछताछ केंद्र से हासिल भी की जा सकेगी।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.