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    11 साल के मोहित के पास है दुनिया का सबसे छोटा सिक्का 'मशक', वजन है 0.150 ग्राम

    By Amit MishraEdited By:
    Updated: Sat, 29 Jul 2017 05:26 PM (IST)

    मोहित के पास दुनिया का सबसे छोटा चांदी का प्राचीन सिक्का है जिसे मशक नाम से जाना जाता है। इस पर एक पंच का निशान बना है। सिक्के का वजन 0.150 ग्राम है।

    11 साल के मोहित के पास है दुनिया का सबसे छोटा सिक्का 'मशक', वजन है 0.150 ग्राम

    नोएडा [दीप्ति मिश्रा]। इसे शौक कहा जाए, इसे धुन कहा जाए, इसे लगन कहा जाए या कुछ और...। छोटी सी उम्र में शौक भी ऐसा कि देखने वाले दंग रह जाएं और देखने वालों की सोच से बहुत ऊपर। 11 वर्षीय मोहित यादव का दुर्लभ सिक्कों को इकट्ठा करने के प्रति ऐसा जुनून है जिसे देखकर न केवल लोग हैरान होते हैं बल्कि मदद भी करते हैं। एक साल के अंदर मोहित ने 117 देशों के दुर्लभ सिक्कों का खजाना इकट्ठा कर लिया है।

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    यूं लगा सिक्कों का शौक 

    वर्ष 2015 में मोहित के दादा जी महावीर यादव ने अपने पोते को राजघराने के कुछ सिक्के दिए। उन सिक्कों को देखने के बाद उसका दुर्लभ सिक्कों के प्रति ऐसा जुनून पैदा हुआ कि आज उसके पास चंद्र गुप्त मौर्य, मुगल सम्राट अकबर से लेकर कई रजवाड़ों और अंग्रेजों के समय जारी किए गए सिक्के हैं।

    पापा और चाचा ने की मदद 

    मोहित बताता है कि इन सिक्कों को इकट्ठा करने में पापा और चाचा ने मेरी मदद की है। चाचा ने दुर्लभ सिक्कों के प्रति मेरी जिज्ञासा देखकर हैदराबाद से किताबें व वहां के अति दुर्लभ सिक्के लाकर दिए। चाची राजस्थान की रहने वाली हैं उन्होंने अपने मायके से रजवाड़ों के समय जारी किए गए सिक्के व शाही मुहरें इकट्ठी करने में मेरी मदद की। पापा ने साइट्स के जरिए विदेशी सिक्के इकट्ठे करने में मेरी मदद की। इसके अलावा उन्होंने दिल्ली से भी सिक्के जुटाए। मैंने अपने सभी रिश्तेदारों को फोन कर उनसे दुर्लभ सिक्के इकट्ठे करने में मदद ली।

    सिक्कों में अपने समय का इतिहास परिलक्षित होता है

    मोहित के पिता महावीर यादव बताते हैं जब बेटे ने दुर्लभ सिक्के इकट्ठे करने शुरू किए तो पहले हमें लगा कि क्या समय बर्बाद करने वाला शौक है, लेकिन जब उसे सिक्कों के साथ ही सिक्कों के समय के बारे में जानकारी जुटाता देखा। तब हमने भी उसका सहयोग करना शुरू कर दिया। अब मुझे भी लगता है कि सिक्कों में अपने समय का इतिहास परिलक्षित होता है।

    सिक्कों के माध्यम से ही शासन तंत्र की आर्थिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, कला और वैभव के बारे में पता चलता है। सिक्कों को देखकर पता चलता है कि कुषाण काल के सिक्कों में बैल व त्रिशूल की आकृतियां हैं तो वहीं आहत पंचमार्ग के सिक्कों में चांद, सूरज, पहाड़ी, स्वास्तिक आदि के निशान अंकित हैं।

    500 ईसा पूर्व तक के सिक्कों का संग्रह 

    उसके संग्रह में महाजनपद के समय यानी कि नंद वंश, मौर्य वंश, गुप्त वंश से लेकर कुषाण काल, मुगलकालीन, विभिन्न भारतीय रियासतों सहित ईस्ट इंडिया कंपनी के उदय से लेकर आजाद भारत के सामान्य व स्मारक सिक्कों की श्रंखला हैं। साथ ही भारत सहित दुनिया के 117 देशों के सिक्के मौजूद हैं।

    सिक्कों पर कुरान की आयतें 

    दुर्लभ सिक्कों के खजाने में कुछ सिक्के मुगलकालीन भी हैं। उन सिक्कों पर कुरान की आयतें अंकित हैं।

    दुनिया का सबसे छोटा सिक्का 

    उसके पास दुनिया का सबसे छोटा चांदी का प्राचीन सिक्का है जिसे मशक नाम से जाना जाता है। इस पर एक पंच का निशान बना है। इस सिक्के को 500-100 ईसा पूर्व के समय जारी किया गया था। इस सिक्के का वजन 0.150 ग्राम है।

    संग्रहालय बनाना है सपना 

    महरौली में रहने वाले 7वीं कक्षा के छात्र मोहित कहते हैं कि मैं ज्यादा से ज्यादा देश व भारतीय राजाओं के समय के सिक्कों को इकट्ठा करके लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में नाम दर्ज कराऊंगा। इसके अलावा भविष्य में संग्रहालय बनाना मेरा सपना है। 

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