तेंदुए की मौत पर वन विभाग ने पल्ला झाड़ा
सरधना : दौराला क्षेत्र में वलीदपुर के निकट वाहन की टक्कर से हुई तेंदुए की मौत को वन विभाग अभी भी विभागीय लापरवाही मानने को तैयार नहीं है। पिछले दिनों क्षेत्र के कई गांवों में तेंदुआ देखने की घटनाओं को अभी भी महज अफवाह करार दिया जा रहा है। हालांकि यह तेंदुआ वलीदपुर कैसे पहुंचा, इसका जवाब भी अधिकारियों के पास नहीं है।
तेंदुए की मौत होने से वन विभाग के उन दावों की पोल खुल गई, जिनमें तेंदुआ इस क्षेत्र में न होने और लोगों की बातों को अफवाह का ढिंढोरा पीटा जा रहा था। अभी भी अधिकारी अपनी लापरवाही मानने को तैयार नहीं हैं। डीएफओ ललित वर्मा का कहना है कि आसपास और परीक्षितगढ़ क्षेत्र के किसी भी गांवों में तेंदुआ होने की पुष्टि नहीं हुई। इस तेंदुए की उम्र करीब 3 वर्ष होगी। यह किसी व्यक्ति पर हमला भी नहीं कर सकता था। वहां मिले पंजे के निशान किसी जंगली बिल्ली या अन्य किसी जानवर के थे। तेंदुए का पंजा काफी बड़ा होता है। इस क्षेत्र में तेंदुआ नहीं आ सकता। डीएफओ ललित वर्मा का कहना है कि यह तेंदुआ कहीं से भटकते हुए आ गया होगा।
पोस्टमार्टम के बाद किया दाह संस्कार
वन रेंजर कार्यालय में हादसे में मारे गए तेंदुए का सोमवार दोपहर पोस्टमार्टम किया गया। पशु चिकित्साधिकारी सरधना डा. जेपी सिंह और पशु चिकित्साधिकारी दौराला डा. अनिल यादव ने उसका पोस्टमार्टम किया। इसके बाद डीएओ की मौजूदगी में ही तेंदुए का दाह संस्कार भी कर दिया गया।
भारी वाहन से हुई तेंदुए की टक्कर
तेंदुए का पोस्टमार्टम करने वाले डा. जेपी सिंह ने बताया कि उसकी टक्कर किसी भारी वाहन से हुई होगी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि तेंदुए के जबड़े टूट गए। रीढ़ की हड्डी, दिमाग, लीवर और फेफड़े भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। इसके चलते चार-पांच मिनट में ही उसकी मौत हो गई होगी।
एसआरडी-
1- पोस्टमार्टम हाऊस में पड़ा तेंदुए का शव
2- तेंदुए का शव देखते डीएफओ
3- अधीनस्थों को दिशा-निर्देश देते डीएफओ
4- पोस्टमार्टम के बाद तेंदुए का दाह संस्कार कर वनकर्मी।
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