ब्रज का रुपहले पर्दे पर 'गदर'
मथुरा, निज संवाददाता:
हिंदी सिनेमा अपने 100वें वर्ष में गुरुवार (21 अप्रैल) से प्रवेश करने जा रहा है। डायमंड सी चमक वाले इस सफर में बृज की धरा ने उसे ऐसे रत्न दिए जो उसे लेकर और आगे बढ़ते गए। फिल्म निर्देशन के क्षेत्र में तो शिव कुमार शर्मा और अनिल शर्मा जैसे धुरंधर यहीं से निकले हैं। बागबान और निकाह के डॉयलोग कौन भूल सकता है। वह भी यहीं की कलम से निकले। इनके अलावा भी एक फेहरिस्त है।
1980 के दशक में शिवकुमार शर्मा ने अपने निर्देशन में कई यादगार फिल्में बनाईं। अहिंसा में उन्होंने सुनील दत्त और रेखा को लिया था। ब्रज भूमि, लल्लू राम और ब्रजवासी समेत दर्जनों फिल्में बनाई। अपनी कलम की ताकत से फिल्मों को नया आयाम देने का काम किया लेखिका डॉ. अचला नागर ने। निकाह फिल्म की पटकथा लेखन के साथ उनका सफर शुरू हुआ था। उन्होंने काबिल, नगीना तथा बागबान समेत कुल 35 फिल्मों की पटकथा लिखी। उनके बेटे सन्दीपन नागर और सिद्धार्थ नागर ने भी रुपहले पर्दे पर अपनी अलग छाप छोड़ी।
निर्देशक अनिल शर्मा ने भी सिनेमा जगत में ब्रज को गोल्डन अक्षरों में शुमार करने का काम किया। उनके निर्देशन में श्रद्धांजलि, एलान-ए-जंग और हिंदुस्तान-पाकिस्तान के बंटवारे के दौर की गदर प्रेम कथा ने दर्शकों के दिलों में खासी जगह बनाई। मथुरा के वीरेन्द्र सक्सेना भी कई फिल्मों में सहायक अभिनेता के तौर पर नजर आते रहे हैं। वे कई सीरियलों में भी प्रभावी भूमिका कर चुके हैं।
सिद्धार्थ नागर के निर्देशन में बनी फिल्म ब्रज कौ बिरजू ने पर्दे पर जमकर धूम मचाई। यह ऐसी फिल्म है, जिसकी 80 प्रतिशत कास्टिंग ब्रज में ही हुई और इसके अभिनेता, लेखक, प्रोड्यूसर सभी ब्रज से ताल्लुख रखने वाले में थे। संदीपन नागर ने फिल्म में विलेन और बीजेंद्र काला ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
वीरेंद्र काला ने बढ़ाया मान
वीरेंद्र काला ने ब्रज का मान बढ़ाया। हालिया फिल्म पान सिंह तोमर में उन्होंने पत्रकार की भूमिका अदा की है। इस रोल को दर्शकों ने उन्हें काफी सराहा। इस फिल्म में संदीपन नागर ने मुरैना के कलक्टर और दिलीप रघुवंशी ने भी अभिनय किया है।
मोहित ने भी की शुरुआत
मथुरा के मोहित बघेल ने भी रेडी फिल्म से बड़े पर्दे की शुरुआत कर दी है। मोहित ने इस फिल्म में सलमान खान के साथ काम किया। उनकी दूसरी फिल्म गली-गली चोर भी अच्छी रही।
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बॉलीवुड में अनिल की धूम
मथुरा, जागरण संवाददाता: धरती का सीना चीरकर उसमें से पानी निकालने वाले हैंडपंप को चार आदमी मिलकर हिला भी नहीं सकते, लेकिन जब ब्रज के लाल अनिल शर्मा ने ही धर्मेन्द्र के पुत्र सनी देओल से हैंडपंप को उखड़वाकर पाकिस्तानियों की पिटाई करवाई तो यह एक मिसाल बन गई। मथुरा की माता गली निवासी अनिल के मुंह से शॉट ओके सुनने के लिए कई सुपर स्टार बेकरार रहे हैं। आज भी फिल्मी दुनिया में उनकी टक्कर का निर्देशक शायद ही कोई हो। गदर में इतिहास, प्रेम, सियासत, जंग व कॉमेडी का जो पैकेज अनिल शर्मा ने दर्शकों को परोसा, वह शायद दूसरा नहीं कर सकता था।
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