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    जलचरों से जख्म लेकर रायबरेली से आगे बढ़ी नन्ही जलपरी

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Tue, 30 Aug 2016 10:48 PM (IST)

    जलीय जंतुओं से कई बार घायल होने के बावजूद श्रद्धा ने आगे की यात्रा के लिए गंगा में छलांग लगाई। श्रद्धा के शरीर पर कई जख्म हैं जिन पर दवा लगाई जा रही ...और पढ़ें

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    लखनऊ (जेएनएन)। कानपुर से वाराणसी तक 570 किमी की दूरी तैर कर तय करने निकली नन्ही जलपरी श्रद्धा के हौसले में कई बाधाओं के बावजूद कोई कमी नहीं आई है। जलीय जंतुओं से कई बार घायल होने के बावजूद श्रद्धा ने आज सुबह आगे की यात्रा के लिए रायबरेली जिले के डलमऊ के वीआइपी घाट से गंगा में छलांग लगाई थी और शाम को प्रतापगढ़ जिले के कालाकांकर पहुंच गईं।

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    550 किमी गंगा यात्रा के लिए उफनाती गंगा में नन्ही जलपरी

    रायबरेली में डलमऊ के वीआइपी घाट पहुंची जलपरी को देखने के लिए हुजूम उमड़ पड़ा। रात होने के कारण परिवारीजन ने डलमऊ में रुकने फैसला किया। लोगों ने राजा डल पार्क में परिवारीजन के रुकने की व्यवस्था की। मंगलवार को लोगों ने यात्रा मंगलमय होने की कामना की। सुबह 7:45 बजे मां गंगा की पूजा कर श्रद्धा अपने अगले पड़ाव के लिए निकल पड़ी। गंगा की तेज धारा में जलचरों ने श्रद्धा को जख्मी कर दिया। मां बंदना शुक्ला ने बताया कि श्रद्धा के शरीर पर कई जख्म हो गए हैं, जिन पर दवा लगाई जा रही है।

    गिनीज बुक आफ रिकार्ड में नाम दर्ज कराने केलिए निकलीं श्रद्धा शुक्ला के साथ दो नावों का काफिला प्रतापगढ़ जिले के कालाकांकर में शाम करीब पांच बजे पहुंचा। तेज बारिश के बीच उनके हौसलों में कोई कमी नहीं दिखी। मौसम के रुख को देखते हुए कार्यक्रम में कुछ परिवर्तन करना पड़ा।

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    श्रद्धा के साथ दो गोताखोर भी तैर रहे थे। उनके पिता ललित शुक्ला, डा. सुभाष चंद्र (सहारनपुर) चाचा मुन्नू शुक्ला व गोताखोर मान सिंह निषाद की अगुआई में तीन अन्य गोताखोर राहुल निषाद, पिंटू निषाद, रोहित सिंह जरूरत का सारा सामान नाव पर लेकर चल रहे हैं। रायबरेली से अगले पड़ाव के लिए बढ़ीं जलपरी को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कालाकांकर में थोड़ी देर रुकने के बाद कौशांबी होते हुए इलाहाबाद के श्रंगवेरपुर तक पहुंचना था। रात्रि विश्राम श्रंगवेरपुर में तय था पर तेज बारिश की वजह से विलंब हुआ। कालाकांकर में श्रद्धा ने आधे घंटे विश्राम किया फिर मानिकपुर घाट पहुंची। यही टीम रात्रि विश्राम कर रही है। आज सुबह कारवां आगे बढ़ेगा। श्रद्धा की इच्छा है कि वह बाबा से सीखे गुर से विश्व रिकार्ड कायम कर देश का नाम रोशन करे। उसका ख्वाब ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर गोल्ड मेडल लाना भी है। गंगा की तेज धारा में जलचरों ने श्रद्धा को जख्मी कर दिया। मां बंदना शुक्ला ने बताया कि श्रद्धा के शरीर पर कई जख्म हो गए हैं, जिन पर दवा लगाई जा रही है।