मिला क्या यह नहीं, दिया क्या यह देखें मुसलमान : कल्बे सादिक
अलीगढ़ में शिया धर्मगुरु कल्बे सादिक ने मुसलमानों के साथ नाइंसाफी की बात करने वालों पर तीखा सवाल दागा है। कहा, मुसलमान कहते हैं कि इस देश ने हमको कुछ नहीं दिया, मैं कहता हूं कि आपने देश को क्या दिया? डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने देश को दिया तो
लखनऊ। अलीगढ़ में शिया धर्मगुरु कल्बे सादिक ने मुसलमानों के साथ नाइंसाफी की बात करने वालों पर तीखा सवाल दागा है। कहा, मुसलमान कहते हैं कि इस देश ने हमको कुछ नहीं दिया, मैं कहता हूं कि आपने देश को क्या दिया? डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने देश को दिया तो देखिये देश ने उनके लिए क्या कुछ नहीं किया। आप या तो मौलाना अब्दुल कलाम आजाद बनिए या डॉ. कलाम।
अंग्र्रेजों का ड्रेस कोड
शहर के मदीनुतुल उलूम (एमयू) में सोमवार को मीडिया से मुखातिब कल्बे सादिक ने कहा कि लखनऊ में क्लब के गार्ड ने ड्रेस कोड में न होने पर मुझे लौटा दिया था। गवर्नर ने इसे बहुत फील किया। क्लब से जवाब मांगा। यह व्यक्तिगत मुद्दा नहीं है, राष्ट्रीय मुद्दा है कि एक क्लब जो अंग्रेजों ने बनाया था, उसमें अपना ड्रेस कोड रखा। वो आज तक कायम है? अब तो हमारा अपना ड्रेस कोड होना चाहिए।
मां के बाद देश से प्यार
सादिक बोले, हम मुसलमान हैं, कसम खाकर कहते हैं कि मां के बाद हमें मुल्क प्यारा है। गवर्नर हिंदू हैं और हम मुसलमान। हम भी देशभक्त हैं और वे भी। एक देशभक्त दूसरे के काम आ रहा है। गवर्नर बीजेपी के आदमी हैं, लेकिन बेहद ब्रॉड माइंडेड हैं। उन्हें भी तौहीन लगी। सोचने की बात है कि अगर आज गांधीजी, पंडित नेहरू वहां जाते तो क्या नहीं जा पाते? बात गंभीर है।
कार्रवाई करें मुख्यमंत्री
प्रदेश सरकार को इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए। मुख्यमंत्री काफी गंभीर हैं। मुझे भरोसा है कि वो एक्शन लेंंगे। वहां धोती ,पायजामा, कुर्ता, पगड़ी सभी चीजें लागू होनी चाहिए। स्वामी विवेकानंद महान थे। लेकिन उनके साथ भी यही हुआ था।
देशभक्त ही मेरा हीरो
भाजपा के प्रति नरमी के सवाल पर सादिक बोले, हमें किसी पार्टी से लेना-देना नहीं। जो देश का वफादार है, वही हमारा हीरो है। अशिक्षा को देश की सबसे बड़ी बीमारी बताया।
मीट जरूरी तो नहीं
महाराष्ट्र में मीट के मसले पर कहा कि यह जानबूझकर चुनाव से पहले उठाया गया है। उन्होंने कहा, हम मुसलमानों से कहते हैं कि मीट खाना जरूरी तो नहीं। उन्होंने गाय काटने को भी गैरवाजिब करार दिया।
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