राइट्स की तकनीकी टीम ने वाराणसी में भूमिगत मेट्रो संचालन माना मुफीद
वाराणसी प्राचीन धर्म नगरी काशी में मेट्रो की ओर कदम बढ़ गए हैं। राइट्स संस्था के अधिकारी और अभियंता सर्वे करने के लिए गुरुवार को बनारस पहुंचे। राइट्स के तकनीकी विशेषज्ञों की वीडीए सचिव एमपी सिंह से वार्ता हुई। इस दौरान वीडीए ने महायोजना 2031 के तहत जो ब्लू प्रिंट
लखनऊ। वाराणसी प्राचीन धर्म नगरी काशी में मेट्रो की ओर कदम बढ़ गए हैं। राइट्स संस्था के अधिकारी और अभियंता सर्वे करने के लिए गुरुवार को बनारस पहुंचे। राइट्स के तकनीकी विशेषज्ञों की वीडीए सचिव एमपी सिंह से वार्ता हुई। इस दौरान वीडीए ने महायोजना 2031 के तहत जो ब्लू प्रिंट बनाया था उसे तकनीकी विशेषज्ञों को सौंपा। इसके तहत कैंट से लंका 7.5 किलोमीटर भूमिगत, कैंट से सारनाथ 9.5 किलोमीटर उपरिगामी, डीएलडब्ल्यू से मुगलसराय 22.5 किलोमीटर उपरिगामी, कचहरी से बाबतपुर 8.5 किलोमीटर उपरिगामी मेट्रो ट्रेन चलाए जाने की योजना है। हालांकि तकनीकी विशेषज्ञों ने बनारस नगर क्षेत्र की संक्षिप्त सर्वे के दौरान पाया कि उपरिगामी ट्रैक परेशानी का कारण हो सकता है। टीम के हिसाब से भूमिगत ट्रैक ही ज्यादा मुफीद है। हालांकि इससे पांच गुना से अधिक बजट बढ़ जाने की संभावना है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।