जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकियों को उम्रकैद, एक लाख तीस हजार जुर्माना
जैश-ए-मोहम्मद के खूंखार आतंकी मोहम्मद आबिद उर्फ फत्ते, मिर्जा राशिद बेग उर्फ राजा काजमी व सैफुर्रहमान उर्फ यूसुफ को विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) ने आजीवन कारावास की सजा दी।
लखनऊ (जेएनएन)। विस्फोटक पदार्थ व प्रतिबंधित हथियार रखने और देशद्रोह के मामले में आरोपी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के खूंखार आतंकी मोहम्मद आबिद उर्फ फत्ते, मिर्जा राशिद बेग उर्फ राजा काजमी व सैफुर्रहमान उर्फ यूसुफ को विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) ओम प्रकाश मिश्रा ने आजीवन कारावास की सजा सहित प्रत्येक पर एक लाख तीस हजार रुपया जुर्माना लगाया है।
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अभियोजन की ओर से सरकारी वकील एमके सिंह ने कहा कि विभिन्न केंद्रीय एवं राज्य की गुप्तचर एजेंसियों को सूचनाएं प्राप्त हो रही थीं कि भारत की सीमावर्ती भूमि से युवाओं को इस्लाम के नाम पर पाकिस्तान व अफगानिस्तान में आतंकवाद की ट्रेनिंग दिलाई जा रही है। भारतीय जेल में बंद आतंकियों को छुड़वाने के लिए देश के किसी प्रभावशाली नेता का अपहरण या बम्बई स्टाक एक्सचेंज या किसी अन्य महत्वपूर्ण संस्थान पर कब्जा कर बम से उड़ाने के फिराक में आतंकी हैं।
15 नवंबर 2007 को एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार राघव को सूचना मिली कि कुख्यात प्रतिबंधित पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के कुछ फिदाइन आतंकी एक ग्रे कलर की सेंट्रो कार से दिल्ली से लखनऊ आने वाले हैं। इस सूचना पर चार टीम गठित कर उन्हें निर्देश दिया गया कि आतंकियों को हर कीमत पर जिंदा पकडऩा है, जिससे आतंकियों के मंसूबों का पता चल सके। कहा गया, 16 नवंबर 2007 को सुबह 4:45 बजे लखनऊ बाईपास सीतापुर की ओर से एक सेंट्रो कार दिखी। एसटीएफ की टीम ने सेंट्रो कार को ओवर टेक कर रुकने को कहा। पुलिस से घिरा देखकर सेंट्रोकार सवार तीनों आतंकियों ने जैश-ए-मोहम्मद जिंदाबाद के नारे लगाते हुए टीम पर फायरिंग करनी शुरू कर दी।
मुठभेड़ के बाद तीनों आतंकियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से दो अदद एके-47 राइफल, 16 हैंड ग्रेनेड, 5 डेटोनेटर, तीस जिंदा कारतूस, चार मैगजीन, चाइनीज पिस्टल, चार किलो आरडीएक्स बरामद किया था। अदालत ने तीनों आतंकियों को देशद्रोह, विदेशी अधिनियम, विधि विरुद्ध क्रिया कलाप निवारण अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम आम्र्स एक्ट के तहत दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है।
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