यह है अखिलेश और शिवपाल के बीच कलह की वजहें
बकरीद की छुट्टी के बावजूद लगातार तीन फैसलों ने उत्तर प्रदेश की सियासत और नौकरशाही में हलचल पैदा कर दी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुख्य सचिव दीपक सिंघल हटा दिया, शिवपाल के विभाग वापस ले लिये वहीं मुलायम ने शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया।
लखनऊ (वेब डेस्क)। मंगलवार को समाजवादी कुनबे की रार खुलकर सामने आ गई। बकरीद की छुट्टी के बावजूद लगातार तीन फैसलों ने उत्तर प्रदेश की सियासत और नौकरशाही में हलचल पैदा कर दी। सुबह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुख्य सचिव दीपक सिंघल की छुट्टी करते हुए उनकी जगह राहुल भटनागर की ताजपोशी कर दी तो शाम होते-होते सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने अपने अनुज और मंत्री शिवपाल सिंह यादव को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान सौंप दी। अभी तक यह दायित्व मुख्यमंत्री के ही पास था। इसके कुछ देर बाद ही मुख्यमंत्री ने मंत्री शिवपाल सिंह यादव से सभी महत्वपूर्ण विभाग ले लिए। समाजवादी कुनबे में ये तीनों फैसले बड़े कलह की ओर इशारा कर रहे हैं।
यह भी पढें-मुख्यमंत्री अखिलेश ने चाचा शिवपाल यादव से सभी महत्वपूर्ण विभाग छीने
शिवपाल सिंह यादव से सभी महत्वपूर्ण विभाग छीने
मुख्यमंत्री ने देर शाम मंत्री शिवपाल सिंह यादव से सभी महत्वपूर्ण विभाग ले लिया। इससे नाराज शिवपाल सिंह बुधवार को इस्तीफा दे सकते हैं।1मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के प्रस्ताव पर राज्यपाल राम नाईक ने मंत्रियों के विभागों में फेरबदल का आदेश मंगलवार रात जारी कर दिया। अब शिवपाल यादव के पास परती भूमि विकास, भूमि विकास एवं जल संसाधन के साथ समाज कल्याण विभाग का अतिरिक्त कार्यप्रभार रहेगा। पीडब्लूडी और सिंचाई शिवपाल का पसंदीदा विभाग है। अब पीडब्लूडी मुख्यमंत्री के पास रहेगा। राज्यपाल ने मंत्री अवधेश प्रसाद को सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण का अतिरिक्त प्रभार दिया है जबकि बलराम यादव को वर्तमान विभाग के साथ ही राजस्व, अभाव, सहायता एवं पुनर्वासन
यह भी पढें-पद छिनने के बाद कैबिनेट मंत्री शिवपाल का इस्तीफा आज संभव
मुख्य सचिव दीपक सिंघल को भी हटाया
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दो मंत्रियों को बर्खास्त किये जाने के अगले ही दिन मंगलवार को मुख्य सचिव दीपक सिंघल को भी हटा दिया। 1982 बैच के आइएएस सिंघल को मुख्य सचिव के साथ ही प्रमुख स्थानिक आयुक्त नई दिल्ली और अध्यक्ष पिकप, उत्तर प्रदेश के पद से भी हटाकर प्रतीक्षारत कर दिया गया है। सिंघल की जगह 1983 बैच के आइएएस राहुल भटनागर को मुख्य सचिव का दायित्व सौंपा गया है। भटनागर के पास पिकप और प्रमुख सचिव स्थानिक आयुक्त का भी दायित्व रहेगा। 1अभी तक वित्त आयुक्त एवं प्रमुख सचिव वित्त संस्थागत, वित्त एवं चीनी उद्योग तथा गन्ना विकास के पद पर रहे राहुल भटनागर प्रदेश के 49 वें मुख्य सचिव होंगे। भटनागर ने मंगलवार दोपहर कार्यभार भी ग्रहण कर लिया।
यह भी पढें-किसी को हटाना या रखना मुख्यमंत्री का विषेशाधिकार
शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी
मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी ऐसे समय पर सौंपी है जिसे परिवार की अन्तर्कलह दूर करने का प्रयास माना जा रहा है। 1दरअसल, मंत्रियों गायत्री प्रसाद प्रजापति और राजकिशोर सिंह की बर्खास्तगी और मंगलवार को मुख्य सचिव दीपक सिंघल को अचानक हटा दिए जाने से यह सवाल उठने लगा था कि चाचा-भतीजे के बीच फिर रार बढ़ेगी। दीपक सिंघल और राजकिशोर शिवपाल के ही करीबी माने जाते हैं। वैसे भी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मंत्री शिवपाल सिंह यादव के तल्ख रिश्ते समय-समय पर सार्वजनिक होते रहे हैं। कभी शिवपाल ने आगे बढ़कर इस पर विराम लगाया तो कभी खुद मुख्यमंत्री ने। मगर इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि दोनों के बीच सब कुछ सामान्य नहीं है।
कुर्सी छिनने के बाद 'चाचा-भतीजा प्रकरण गर्माया
सूबे की सियासत कर रहे इस आला सियासी परिवार में मंगलवार को दोपहर से रात तक धूप-छांव का खेल चलता रहा। कद्दावर मंत्री शिवपाल यादव के चेहरे के रह-रहकर बदले भावों को थोड़ा पढऩे की कोशिश करें तो यूं ही लगा कि वह खुद उलझे रहे कि ये वक्त उनके लिए 'मुलायम है या 'कठोर। उनके अजीम दीपक सिंघल की कुर्सी छिनने के बाद 'चाचा-भतीजे प्रकरण गर्माने से पहले परिवार और दल के मुखिया मुलायम सिंह ने छोटे भाई को प्रदेश की कमान सौंप कर बेहतर 'संतुलन का प्रयास किया। मगर, रात होते ही उनके मंत्रलय में फेरबदल पर सवालों के बदले मिली शिवपाल की खामोशी और चेहरे पर शिकन। इटावा में लोक निर्माण विभाग के डाक बंगले में और बाद में कानपुर देहात के आंट गांव में पत्रकारों से बातचीत करते हुए शिवपाल यादव ने कहा कि यह मुख्यमंत्री की मर्जी पर निर्भर करता है कि वे किससे सलाह लें या न लें। अगर मुख्यमंत्री उनसे सलाह मांगेंगे तो वे अपनी सलाह देंगे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।