तीन तलाक पर महिलाओं की आवाजः लख्ते जिगर मेरे होने की निशानी मांगे
आज लखनऊ में महिला एवं परिवार कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी से मिलकर तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं ने दर्द बयां किया।
लखनऊ (दुर्गा शर्मा)। अम्मी तुम हमेशा रोती क्यों रहती हो? अब्बू हमसे मिलने क्यों नहीं आते? हम अब्बू के साथ चलकर क्यों नहीं रह सकते? मेरा स्कूल से नाम क्यों कट गया? चौक निवासी शाहिना (पहले सुनीता) की बेटी अलीशा अक्सर अम्मी से यही सवाल करती है। मां की आंखों से आंसुओं का सैलाब उमड़ता है, पर जुबान पर ताला। अम्मी को रोता देख अलीशा खामोश हो जाती है। शाहिना को डर है, बच्ची की उम्र बढऩे के साथ सवाल भी बढ़ेंगे। सिर्फ शाहिना ही नहीं हर तलाकशुदा मुस्लिम महिला अपने बच्चों के सवालों को लेकर फिक्रमंद है। लख्ते जिगर मां से उनके होने की निशानी मांग रहे हैं।
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महिलाओं की मुख्य मांगें
- तीन तलाक और हलाला बंद करने को प्रदेश सरकार पहल करे।
- तलाकशुदा औरतों को न्याय के साथ बच्चों की शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा मिले।
- वक्फ बोर्ड, मदरसा बोर्ड और अल्पसंख्यक आयोग में 50 फीसद आरक्षण महिलाओं के लिए हो।
- महिला विरोधी फतवे देने और मानने वालों पर दंडात्मक कार्रवाई हो।
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आज लखनऊ में महिला एवं परिवार कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी से मिलकर तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं ने दर्द बयां किया। भाजपा कार्यकर्ता शबनम पांडेय। मुस्लिम महिला लीग की नाइश हसन, हाशमी बानो व ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की शाइस्ता अंबर, रबिया संदल, शीरी मसरूर, फरजाना बेगम के नेतृत्व में आईं महिलाओं ने योगी सरकार से न्याय की उम्मीद जताई। लखनऊ के चौक निवासी सुनीता धर्म परिवर्तन कर शाहिना हो गईं। पति और परिवार को खुश रखने के हर जतन किए, पर पति ने कहा- 'तुम अच्छी मुसलमान कभी नहीं बन सकती।' पति ने साथ रहने से मना कर दिया। शाहिना बताती हैं, पति ने तीन शादियां कर रखी हैं। दो साल हो गए मुकदमा किए पर सिर्फ तारीख ही मिली है। घर भी खाली करने को कह दिया गया है। आमदनी का जरिया नहीं है, लिहाजा बेटी का स्कूल छूट गया। अलीगढ़ से आईं डॉ.शीरी का वर्ष 2012 में निकाह हुआ। फरवरी 2016 में पति ने खत के जरिये तलाक दे दिया। वजह बताई कि मैं मकान की मांग करती हूं। साढ़े तीन साल की बेटी है। उन्होंने कहा कि सख्त कानून बने ताकि तलाक कहने से पहले मर्द सौ बार सोचे।
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और लिख दिया तलाक, तलाक, तलाक
मुजफ्फरनगर से पिता और बेटी के साथ आईं नाजिया खान ने बताया कि वर्ष 2009 में निकाह हुआ। वर्ष 2013 में बिना कारण बताए शौहर ने कागज पर तलाक, तलाक, तलाक लिखकर दे दिया। पति ने पहले से शादीशुदा होने की बात भी छिपाई। नाजिया कहती हैं, बेटी पांच साल की हो गई। अब्बू बोझ उठा रहे हैं, पर कब तक? इस तीन तलाक ने मेरी अम्मी की जान ली, मेरी जिंदगी बर्बाद करके रख दी।
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पूछा सवाल, मिला तलाक
कानपुर से आईं सोफिया अहमद की उम्र 23 साल है। 12 जून 2015 को निकाह हुआ। निकाह के दसवें दिन से ही कई तरह की मांगों को लेकर हिंसा शुरू हुई। 13 अगस्त 2016 को शौहर के देर रात से घर आने पर कारण पूछा। जवाब की जगह तलाक मिल गया। रात के करीब तीन बजे थे, एक महीने के बेटे के साथ घर से निकाल फेंका। अब सिर्फ अम्मी का आसरा है।
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आलिया के पिता भी पहुंचे
हाल ही में बाराबंकी में तीन तलाक से पीडि़त आलिया ने आत्महत्या कर ली थी। बेटी के हत्यारों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर आलिया के पिता मो. आलम भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि बेटी तीन तलाक का दंश झेल रही थी। पति कल्लू दूसरा निकाह करने की तैयारी में था। योगी सरकार से वह बेटी के लिए न्याय की गुहार करेंगे।
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