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    सियासी संरक्षण की तलाश में स्वामी प्रसाद मौर्य

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Sat, 25 Jun 2016 12:53 PM (IST)

    स्वामी प्रसाद मौर्य सियासी संरक्षण की तलाश में हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती पर गंभीर आरोप लगाते हुए बगावत करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य कल अचानक दिल्ली पहुंच गये।

    लखनऊ (जेएनएन)। बहुजन समाज पार्टी से नाता तोडऩे के बाद वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य सियासी संरक्षण की तलाश में हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती पर गंभीर आरोप लगाते हुए बगावत करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य कल अचानक दिल्ली पहुंच गये। दिल्ली में मौर्य के भाजपा के शीर्ष नेताओं से संपर्क साधने की चर्चाएं चलती रहीं। वहीं कांग्रेस भी स्वामी को साधने में जुट गयी है।

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    बसपा के बाद समाजवादी सरकार पर बरसे नेता विपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने स्पष्ट कर दिया कि वह साइकिल की सवारी करने के लिए उतावले नहीं हैं। ऐसे में स्वामी के सामने दो बड़े दलों भाजपा व कांग्रेस के विकल्प भी खुले हैं।

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    स्वामी प्रसाद के दिल्ली कूच को भी इसी नजरिए से देखा जा रहा है। परसों देर रात भाजपा के दो नेताओं से हुई उनकी मुलाकात को भी इसी से जोड़ा जा रहा है परन्तु स्वामी प्रसाद इस मुद्दे पर जुबान खोलने का तैयार नहीं हैं।

    वहीं, कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने भी स्वामी प्रसाद से तार जोडऩे की कोशिश की है।

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    खासकर अमेठी और रायबरेली क्षेत्र के कई प्रमुख नेता इस मुहिम में जुटे हैं, प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद से इस बावत चर्चा भी हो चुकी है। एक विधायक का कहना है कि स्वामी कांग्रेस से जुडेंगे तो इसका दो दर्जन से अधिक सीटों पर फायदा होगा।

    छोटे दलों का साझा फ्रंट बनाने की जुगत

    बागी स्वामी प्रसाद मौर्य को जोडऩे के लिए पीस पार्टी जैसे दलों ने प्रयास किया है। पीस पार्टी प्रमुख डा.अय्यूब ने भी मौर्य से मिलकर साझा फ्रंट बनाने की पेशकश की है। बसपा व समाजवादी पार्टी से पंगा ले चुके मौर्य अभी पत्ते खोलने को तैयार नहीं हैं।

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    लखनऊ में एक जुलाई को अपने खासे समर्थकों की बैठक में कुछ नया फैसला लेने की बात कर रहे स्वामी प्रसाद मौर्य भी जल्दबाजी में कोई फैसला लेने के मूड में नहीं, इसलिए सभी संभावनाओं को तौलने में लगे हैं। मौर्य के अगले कदम का फैसला एक जुलाई की सभा के बाद ही संभव होगा क्योंकि बसपा से बागी होकर अलग वजूद बनाने की कोशिशें सिरे नहीं चढ़ सकी है और मौर्य भी इस सच्चाई को बखूबी जानते हैं।

    सांप्रदायिक ताकतों को मजबूत न करें मौर्य : आजम

    नगर विकास मंत्री आजम खां ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य ऐसा कोई कदम न उठाएं, जिससे सांप्रदायिक ताकतें मजबूत हों। रामपुर में आजम खां ने मीडिया से कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने बहुजन समाजवादी पार्टी छोड़ी है। यह उनका फैसला है, क्यों छोड़ी इसकी वजह भी वही जानते हैं। उनके भाजपा में जाने की चर्चा के सवाल पर आजम खां बोले स्वामी प्रसाद मौर्य को ऐसा नहीं करना चाहिए।

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    आजम खां ने कहा कि 2017 के चुनाव में समाजवादी पार्टी अपने दमखम पर लड़ेगी और फिर सत्ता में आएगी। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने देश को और देश की जनता को ठग लिया है। लोकसभा चुनाव में बड़े-बड़े वादे किए गए थे, लेकिन किसी पर अमल नहीं हुआ।