शिवपाल समर्थकों का सड़क पर प्रदर्शन, नारेबाजी में कलह की अंतर्कथा
सपा में छिड़े महासंग्राम को लेकर आज उत्तर प्रदेश के कई शहरों में शिवपाल समर्थकों नें सड़क जाम, बाजार बंद और नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।

लखनऊ (जेएनएन)। सपा में छिड़े महासंग्राम को लेकर आज उत्तर प्रदेश के कई शहरों में शिवपाल समर्थकों नें सड़क जाम, बाजार बंद और नारेबाजी कर जबरदस्त प्रदर्शन किया। उल्लेखनीय है कि लखनऊ में चल रही सपा की कलह में बीती रात शिवपाल सिंह यादव ने सपा और सरकार से सभई पदों से इस्तीफा दे दिया था। इसकी खबर लगते ही रात से ही शिवपाल समर्थकों में आक्रोश फैल गया। कई समर्थक लखनऊ पहुंच गए।
तस्वीरों में देखें-शिवपाल यादव समर्थकों का प्रदर्शन
करहल में बाजार बंद, जाम
मैनपुरी के करहल में दो पूर्व विधायकों की अगुवाई में शिवपाल समर्थकों ने जुलूस निकाल कर प्रो.रामगोपाल यादव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और जाम लगाया। दहशत के चलते बाजार बंद हो गए। वहीं मैनपुरी शहर में शिवपाल समर्थकों ने जुलूस निकालकर विरोध जताया।
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मैनपुरी में दोपहर 12 बजे करहल कस्बे में पूर्व विधायक अनिल यादव और पूर्व विधायक मानिक चंद्र की अगुवाई में जुलूस शुरू हुआ। सैकड़ों कार्यकर्ता प्रो. रामगोपाल को पार्टी से हटाओ, शिवपाल तुम संघर्ष करो के नारे लगाते हुए निकले और किशनी चौराहे पर जाम लगा दिया। अपनी ही सत्ता के खिलाफ सपा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन से लोग हैरान रह गए। आधा घंटा जाम लगाने के बाद जुलूस बाजार में पहुंचा तो डरे सहमे दुकानदारों ने शटर गिरा दिए। इटावा-मैनपुरी मार्ग एक घंटे जाम कर यहां भी जमकर नारेबाजी की गई। प्रदर्शनकारी शिवपाल यादव के सभी विभाग वापस करने की मांग कर रहे थे। इसी बीच बारिश होने लगी तब जाकर समर्थक तितर-बितर हुए।
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रामगोपाल विरोधी नारेबाजी
मैनपुरी के स्टेशन रोड पर शिवपाल यादव समर्थकों ने जुलूस निकाल जमकर नारेबाजी की और प्रो.राम गोपाल यादव को पार्टी से निकाले जाने की मांग की। समर्थकों ने आगरा बाइपास पर प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की। इसके चलते जाम भी लग गया। समर्थकों ने मुलायम सिंह से शिवपाल यादव का सम्मान लौटाने और प्रदेश की कमान स्वयं संभाले जाने की मांग की। राजधानी लखनऊ में शिवपाल के घर के बाहर और सपा कार्यालय पर जुटे समर्थकों ने प्रो. रामगोपाल यादव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वह शिवपाल को सम्मान वापस दिलाने की मांग कर रहे थे।
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नारेबाजी में कलह और जुड़ाव के नजारे
शिवपाल समर्थकों ने गुरुवार रात्रि जो तेवर बनाए थे वहीं शुक्रवार को सुबह भी दिखे। समर्थकों को शांत करने के लिए शिवपाल सुबह अपने आवास सात कालीदास बाहर आए तो जिंदाबाद के नारों की गूंज मुख्यमंत्री आवास तक पहुंच रही थी। शिवपाल ने बाहर निकलकर समर्थकों को शांत कराते हुए पार्टी दफ्तर पहुंचकर नेताजी के सामने अपनी बात रखने को कहा। इस दौरान कुछ लोगों ने शिवपाल की तस्वीरें वाली टी-शर्ट बांटनी शुरू कर दी। जिसे हासिल करने के लिए सपाइयों में जोर आजमाइश शुरू हो गयी। कुछ देर बाद ही सैकड़ों युवक शिवपाल की तस्वीरों वाली टी-शर्ट में नजर आने लगे।
रामगोपाल विरोधी नारे
समाजवादी पार्टी के थिंक टैंक कहे जाने वाले प्रो.राम गोपाल यादव के खिलाफ कार्यकर्ताओं ने खुलकर नारे लगाए। उनको सपा से बाहर करने की मांग उठाई। कार्यकर्ताओं ने कहा कि प्रोफेसर ने बिहार का गठबंधन तुड़वाकर मुलायम सिंह यादव को राष्ट्रीय नेता बनने से रोक दिया। उन पर भाजपा से मिला होने के इल्जाम भी लगाये गये।
अखिलेश बड़ा दिलवाला
शिवपाल यादव के विभाग वापसी, प्रदेश अध्यक्ष बना रहने और गायत्री को मंत्री बनाये जाने पर सपाइयों ने मुख्यमंत्री को बड़ा दिल वाला बताते हुए नारे लगाये गये। यह सिलसिला दोपहर साढ़े बारह बजे से शुरू होकर शाम को चार बजे तक चला।
रिमझिम में बढ़ती तकरार
अपराह्न करीब तीन बजे पार्टी दफ्तर के बाहर कार्यकर्ताओं की भीड़ जमा थी। अधिकतर कार्यकर्ता इटावा, बदायं व मैनपुरी जिलों से आए थे। बूंदाबांदी में भीग रहे रामनिवास का कहना था कि झगड़े की जड़ बाहर नहीं घर के भीतर है। उनका इशारा पार्टी महासचिव राम गोपाल यादव की ओर था। रामनिवास के तर्क पर सुरेशपाल सिंह ने सहमति जतायी तो फीरोजाबाद के सतेंद्र सिंह ने एतराज जताया। तकरार बढऩे लगी तो आसपास खड़े सपाइयों ने माहौल खराब नहीं करने की हिदायत देते हुए कहा नेताजी सब ठीक कर देंगे।

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