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    सपा ने सहारनपुर दंगे की जांच की मांग की, भाजपा बोली कुछ नहीं हुआ

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Wed, 26 Apr 2017 11:51 PM (IST)

    सपा ने भाजपा सांसद के नेतृत्व में केसरिया गमछा वालों के सहारनपुर दंगा कराने के प्रयास की जांच की मांग की जबकि भाजपा ने कहा कि कुछ नहीं हुआ।

    सपा ने सहारनपुर दंगे की जांच की मांग की, भाजपा बोली कुछ नहीं हुआ

    लखनऊ (जेएनएन)।  समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सांसद के नेतृत्व में केसरिया गमछा वालों के सहारनपुर दंगा कराने के प्रयास, एसएसपी आवास पर हमला और एसएसपी की पत्नी को मवेशीघर में छिपने पर मजबूर होने की न्यायिक जांच की मांग की हैं। वहीं दूसरी ओर सहारनपुर बवाल के बाद सुर्खियों में आए सांसद राघव लखनपाल केंद्रीय  मंत्री संजीव बालियान के साथ योगी आदित्यनाथ से मिले। एक घंटे की मुलाकात के बाद बालियान ने मीडिया से कहा कि सहारनपुर में कोई तोडफ़ोड़ नहीं हुई।  

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    सहारनपुर की कहानी

    आरोप है कि सहारनपुर में गांव सड़क दूधली बवाल के बाद आक्रोशित भाजपा कार्यकर्ताओं ने एसएसपी आवास में घुसकर तोडफ़ोड़ की। इस मामले को लेकर विपक्ष आक्रामक है और सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहा है। सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की है। इसके पहले मौके पर गई सपा की पांच सदस्यीय जांच टीम ने भाजपा सांसद, विधायक और जिलाध्यक्ष को बवाल के लिए जिम्मेदार ठहराया है। यह मामला गत दिनों आरएसएस, भाजपा और मुख्यमंत्री की बैठक में भी उठा। इस बीच विपक्ष की ओर से सांसद और विधायक पर कार्रवाई की मांग भी तेज हो गई है। बुधवार की शाम को जब पांच बजे मंत्री बालियान, सांसद राघव लखनपाल, पूर्व विधायक राजीव गुंबर समेत कई लोगों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से शास्त्री भवन में पंचम तल पर मिलने गया तो कयास यही लगे कि मुख्यमंत्री ने इन्हें तलब किया है। पर, राघव लखनपाल ने वापसी में कहा कि 'हमें बुलाया नहीं गया था। हम खुद मिलने आए थे।

    सहारनपुर की रिपोर्ट 

    सहारनपुर की जो सही रिपोर्ट थी वह मुख्यमंत्री को दी है। यह पूछे जाने पर कि एसएसपी को हटाने की मांग क्यों कर रहे हैं, उनका कहना था कि मैं क्यों हटाने की मांग करूंगा। जब अखिलेश यादव के आरोपों की याद दिलाई गई तो संजीव बालियान बोले कि 'अखिलेश यादव विपक्ष में हैं। उनका काम आरोप लगाना है। हम लोगों ने मुख्यमंत्री को सही बात बता दी है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ को चुनौती भी दी है कि अगर हिम्मत हो तो सहारनपुर के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करके दिखाएं। इस मामले पर आइपीएस एसोसिएशन ने बैठक कर एसएसपी आवास पर हमले की निंदा की और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की थी। 

    भाजपा ने कराया सहारनपुर उपद्रव 

    समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सांसद के नेतृत्व में केसरिया गमछा वालों के सहारनपुर दंगा कराने के प्रयास, एसएसपी आवास पर हमला और एसएसपी की पत्नी को मवेशीघर में छिपने पर मजबूर होने की  न्यायिक जांच की मांग की। ध्यान रहे, सहारनपुर कांड के बाद सपा ने अपना पांच सदस्यीय जांच दल मौके पर भेजा था। दल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए अखिलेश ने कहा कि भाजपा सांसद, विधायकों ने बिना अनुमति संवेदनशील क्षेत्र में जुलूस निकालने का प्रयास किया, रोकने पर पुलिस पर पत्थर बरसाये व अधिकारी की गाड़ी तोड़ी। रिपोर्ट के अनुसार एसएसपी आवास पर हमला कर उनकी कुर्सी पर कब्जा लिया। साक्ष्य नष्ट करने की मंशा से सीसीटीवी और वीडियो रिकार्डर यूनिट तोड़ डाली गई। अखिलेश ने कहा कि भाजपा इस समय जैसी भाषा बोल रही है, वह लोकतंत्र के लिए खतरा है। हम पर आरोप लगता कि सपा के गुंडे थाने चला रहे हैं लेकिन, अब क्या हो रहा है? 

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    जांच दल के सदस्य महबूब अली ने कहा कि सहारनपुर में जुलूस निकालने की 11 साल से इजाजत नहीं है। क्षेत्र के लोग 14 अप्रैल को बाबा साहब की याद में कार्यक्रम कर चुके थे, बावजूद इसके सड़क दूधली गांव में भाजपा ने जुलूस निकाला। सहारनपुर से विधायक व जांच दल के सदस्य संजय गर्ग ने बताया कि भाजपा के लोगों ने केसरिया गमछे का इस्तेमाल किया व आते-जाते लोगों को धर्म पूछकर पीटा। 

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