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सपा, बसपा पर राहुल की नरमी से हैरत हर समस्या पर मोदी को ठहराते रहे जिम्मेदार

प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था, बिजली की बेतहाशा बढ़ी दरें, जर्जर सड़कों और अराजक माहौल जैसी शिकायतों को अनसुना करते हुए राहुल केवल केंद्र सरकार को ही कोसते रहे।

By Ashish MishraEdited By: Published: Wed, 07 Sep 2016 11:24 AM (IST)Updated: Wed, 07 Sep 2016 02:45 PM (IST)
सपा, बसपा पर राहुल की नरमी से हैरत हर समस्या पर मोदी को ठहराते रहे जिम्मेदार

देवरिया [अवनीश त्यागी] । मिशन उप्र के तहत मंगलवार को रुद्रपुर से ढाई हजार किलोमीटर से अधिक लंबी किसान महायात्रा पर निकले राहुल गांधी के ंिनशाने पर केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहे जबकि सपा व बसपा को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष की नरमी को लेकर कार्यकर्ता हैरत में रहे। प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था, बिजली की बेतहाशा बढ़ी दरें, जर्जर सड़कों और अराजक माहौल जैसी शिकायतों को अनसुना करते हुए राहुल केवल केंद्र सरकार को ही कोसते रहे।

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मोदी उद्योगपतियों के हितैषी और किसानों के दुश्मन : राहुल

शुरुआत पचलड़ी गांव से हुई जब राहुल गांधी का हेलीकाप्टर गांव में पहुंचा। राहुल किसान मांग पत्र भरवाने किसानों के घरों में पहुंचे। हंस कुमार सिंह ने उनसे दस हजार रूपये कर्ज और बिजली का बिल अदा न होने की शिकायत दर्ज करायी। राहुल ने प्रधानमंत्री द्वारा अपने पूंजीपति दोस्तों का कर्ज अदा करने का जिक्र करते हुए साथ देने की बात कही।

देवरिया के रुद्रपुर में राहुल गांधी की सभा के बाद खाट की लूट

विमला सिंह ने चार बीघा जमीन में 70 हजार कर्ज की अदायगी नहीं हो पाने की मजबूरी जताते हुए एसडीएम की शिकायत की परंतु राहुल गांधी ने मोदी पर ही इसका दोष डाल दिया।राहुल का दलितों की बस्ती में जाना प्रचारित किया गया था। राहुल नहीं गए तो कितपुरा की कमलावती, निर्मला, अंजू देवी व कुसुमावती आदि महिलाओं ने काफिले के आगे हंगामा किया और विधायक के रवैये पर नाराजगी जतायी।

तस्वीरों में देखें-देवरिया में राहुल गांधी की सभा के बाद खाट लूट

दस मिनट में केवल एक मिनट प्रदेश सरकार पर : सतासी इंटर कालेज के मैदान में खाट पंचायत के दौरान भी राहुल का गुस्सा केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ही उतरा। करीब दस मिनट के संबोधन में राहुल ने केवल एक मिनट प्रदेश सरकार के खिलाफ नाराजगी जताने में दी। देवरिया के चीनी उद्योग की बर्बादी के लिए उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकारों को जिम्मेदार ठहराया। राहुल द्वारा सपा व बसपा के प्रति नरमी बरतना कांग्रेसजन को अटपटा लगा। रामकिशन कुशवाहा का कहना था कि सपाई दबंगों के कारण गरीबों का रहना मुश्किल हो गया। ऐसे मेंं कांग्रेस ने सपा पर नरमी बरती तो मुश्किल होगी। किसानों से कनेक्ट बढ़ाने के लिए पंचायत स्थल को ग्रामीण चौपाल बनाने का प्रयोग अनियंत्रित भीड़ व कुप्रबंध के कारण ध्वस्त हो गया और लोग खाट लूट कर ले गए।
पंचायत में किसानों का टोटा : किसानों को रिझाने के लिए खाट पंचायत का आयोजन किया था परंतु पहले ही कार्यक्रम में किसानों की अपेक्षित संख्या न देखकर राहुल गांधी नाराज हुए। मंच पर लगायी खटिया खाली थीं, केवल पार्टी कार्यकर्ता और नेता ही जमे थे। महासचिव गुलाम नबी आजाद का गुस्सा जिलाध्यक्ष राघवेंद्र सिंह राकेश पर उतरा। उन्होंने डांटते हुए कहा कि कहां है किसान, कार्यकर्ताओं को किसान बताते हो, किसान वो है जिनसे राहुल स्वयं मिलकर आए हैं। इस बीच माहौल बिगड़ता देखकर विधायक व पंचायत संयोजक अखिलेश प्रताप सिंह ने सफाई दी कि प्रशासन ने किसानों को नहीं आने दिया। उन्होंने नहीं आ सकने वाले कुछ किसानों के नामों की सूची पढ़कर सुनायी।
गुटबाजी हावी रही : पहली ही पंचायत में कांग्रेस की गुटबाजी का असर नजर आया। होर्डिंग्स पर शीला दीक्षित, राजबब्बर, संजय सिंह व गुलाम नबी जैसे चेहरे नजर नहीं आए। राहुल गांधी का स्वागत करने को हेलीपैड पर पहुंचे विधानमंडल दलनेता प्रदीप माथुर को बुके वापस लेकर लौटना पडा।


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