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    बुलंदशहर गैंगरेप : हाईकोर्ट का हंटर चला तो 'अति सक्रिय' पुलिस ने बदला मुख्य आरोपी

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Tue, 09 Aug 2016 07:27 PM (IST)

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुलंदशहर गैंगरेप मामले को अति जघन्य मानते हुए इसे सीबीआई के सुपुर्द करने की बात कल प्रदेश सरकार से कही थी।

    लखनऊ (वेब डेस्क)। इलाहाबाद हाईकोर्ट के बुलंदशहर गैंगरेप में अब तक की कार्रवाई से संतुष्ट न होने के कारण इसका स्वत: संज्ञान लेने से उत्तर प्रदेश पुलिस 'अति सक्रिय' हो गई और कल ही उसने 'मुख्य आरोपी' सहित तीन लोगों को हिरासत में ले लिया। इससे पहले भी इस मामले में एक को मुख्य आरोपी के रूप में पेश कर चुकी पुलिस की यह थ्योरी कितनी सत्य है, यह तो आगे आने वाले समय में पता चलेगा।

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    बुलंदशहर में दिल्ली-कानपुर नेशनल हाइवे पर मां-बेटी के साथ गैंगरेप और रोड होल्डअप मामले में पुलिस ने वारदात के मास्टरमाइंड और गैंग सरगना सलीम की गिरफ्तारी कर ली है। सलीम के साथ कन्नौज के जुबैर और शाजिद को भी गिरफ्तार किया गया है।

    बुलंदशहर गैंगरेप के मुख्य आरोपी से पुलिस ने ली थी रिश्वत

    अभी तक घुमंतु गिरोह पर जांच केंद्रीय करने वाली पुलिस ने कल अति सक्रियता दिखा दी। अब पुलिस नई कहानी बना रही है। इस मामले में पुलिस की तफ्शीश का केंद्र लगातार बदलता जा रहा है। सलीम बाबरिया जाति का नही, छैमार जाति का है। अब तो पुलिस का दावा है कि सलीम पांच राज्यों में दो दर्जन से च्यादा इसी तरह की वारदातें कर चुका है।

    हाईकोर्ट व सीबीआई के डर से 'खुलासा'

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुलंदशहर गैंगरेप मामले को अति जघन्य मानते हुए इसे सीबीआई के सुपुर्द करने की बात कल प्रदेश सरकार से कही थी। चीफ जस्टिस के मामले को संज्ञान लेने के बाद सरकार बेहद हैरान व परेशान है। इसको लेकर पुलिस के साथ मेरठ की क्राइम ब्रांच की टीमों ने मेरठ के मवाना और किठौर में कई जगह छापेमारी की थी।

    बुलंदशहर कांड में पुलिस ने रात में ही बदले दो बदमाशों के नाम

    एक दर्जन से अधिक बदमाश इस छापेमारी में उठाये गये। इनमें जिसमें सलीम भी शामिल था। बदमाशों को बुलंदशहर पुलिस लाइन में रखा गया था। परसों बुलंदशहर के एसएसपी अनीस अहमद अंसारी उन बदमाशों से खुद पूछताछ कर रहे थे। वह अपने आफिस की दिनचर्या में भी ठीक से शामिल नही रहे। पुलिस ने इस मामले के खुलासे का दावा तब किया है जब कल दोपहर हाईकोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए सख्ती दिखाई।

    बदला मुख्य आरोपी का नाम

    पुलिस अभी तक इस वारदात में शामिल गैंग के बदमाशों का आपसी कनैक्शन जोडऩे से बचती रही है। बुलंदशहर के रईस को पहले मामले का मुख्य आरोपी बताया गया। पुलिस ने दावा किया कि उसकी शिनाख्त पीडि़त परिवार ने की है। स्थानीय बदमाश रईस कई महीने से इलाके में लगातार वारदातें कर रहा था। उसे कोतवाली देहात पुलिस का संरक्षण प्राप्त था। डकैती जैसे संगीन मामलों में पुलिस ने उसे वसूली करके छोड़ दिया और केस तक दर्ज नही किया था।

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    वारदात में रईस के साथ जेल गया जबरसिंह बाबरिया गैंग का बताया जाता है। उसकी पत्नी से भी पुलिस ने बड़ी जानकारियां हाथ लगने का दावा किया था। सलीम का डेरा भरतपुर में होना बताया था। तीसरा बदमाश शाबेज हापुड़ इलाके का है। उसका भाई परवेज शातिर लुटेरा है। पुलिस ने फिलहाल जिनको भी गिरफ्तार किया है, वह भी अलग-अलग जिलों से ताल्लुक रखते हैं।

    आखिर क्या है।

    कौन है सलीम

    पुलिस के एक आला अधिकारी ने नाम न खोलने की शर्त पर सलीम के गैंग और इस गैंगरेप मामले के खुलासे से संबधित जानकारियां दी हैं। अधिकारी ने बताया कि सहारनपुर के गंगोह का सलीम छैमार जनजाति से है। उसके गैंग में कन्नौज, मेरठ, हापुड़, नोएडा और बुलंदशहर के बदमाश शामिल हैं। पुलिस ने सलीम के साथ जिन अन्य दो बदमाशों को गिरफ्तार किया उनके नाम जुबैर और शाजिद हैं। जुबैर तो कन्नौज का निवासी है। अधिकारी का दावा किया है कि तीनों बदमाशों की गिरफ्तारी मेरठ और मवाना इलाके से की गयी है।

    लगातार बदल रही पुलिस

    प्रदेश पुलिस के मुखिया डीजीपी जावीद अहमद ने घटना के दूसरे दिन बुलंदशहर में वारदात के खुलासे का दावा किया था। उस समय तीन आरोपियों की गिरफ्तारी की बात कही थी। डीजीपी ने बताया था यह गैंग बाबरिया जनजाति के अपराधियों का हैं। डीजीपी ने फरीदाबाद के बबलू और भटिंडा के नरेश उर्फ ठाकुर के नाम का खुलासा किया था। अगले ही दिन पुलिस ने रईस के अलावा दो आरोपियों के नाम गिरफ्तारी में बदल दिये। इसके बाद पुलिस अपराधी गैंग के स्थानीय होने के दावे करती रही।

    पुलिस की तीसरी गिरफ्तारी

    अब पुलिस की तीसरी गिरफ्तारी में सलीम का नाम आया है। उसको ही अब बुलंदशहर गैंग रेप तथा रोड होल्ड अब का मुख्य आरोपी बताया जा रहा है। सलीम को पुलिस के आला अधिकारी पहले से बाबरिया बता रहे थे और उसकी राजस्थान के भरतपुर में तलाश की जा रही थी। पुलिस की नई थ्योरी में सलीम बाबरिया न होकर छैमार जनजाति का निकला है। पुलिस के तीसरे खुलासे में भी कई पेंच हैं।

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    सूत्रों के मुताबिक बाबरिया अपराधी किसी दूसरे गैंग के साथ अपराध नही करते, लेकिन इस वारदात में जबरसिंह का शामिल होना बाबरिया गैंग के आपराधिक नियमों के खिलाफ है। पुलिस के आला अधिकारियों का नया दावा है कि सलीम का गैंग एक रात में तीन से चार वारदातें करता था और अपने गैंग में एक स्थानीय अपराधी को शामिल करता था। इससे पता चलता है कि बुलंदशहर का रईस कई महीनों से सलीम गैंग के लिए काम कर रहा था। अगर ऐसा है तो कोतवाली देहात पुलिस ने उसके आपराधिक कृत्यों को जानते हुए भी जेब गर्म करने के बदले उसे संरक्षण देना जारी रखा, जो कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है। पुलिस अधिकारी यह भी दावा कर रहे हैं कि इस गैंग का आपराधिक नेटवर्क यूपी, झारखंड, उत्तराखंड, बिहार और राजस्थान में है। इन राज्यों की दो दर्जन से अधिक वारदातें भी इस वारदात के खुलासे के साथ दुनिया के सामने आयेगी।

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