Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पाकिस्तान प्रायोजित कर रहा है विश्व का आतंकवाद : तारेक फतेह

    अंतरराष्ट्रीय लेखक और कनाडा के प्रख्यात स्तंभकार तारेक फतेह का दावा है कि विश्व का सारा आतंकवाद पाकिस्तान प्रायोजित कर रहा है। उन्होंने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात भी आइएसआइएस का सबसे बड़ा मददगार है।

    By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Thu, 19 Nov 2015 11:36 AM (IST)

    लखनऊ। अंतरराष्ट्रीय लेखक और कनाडा के प्रख्यात स्तंभकार तारेक फतेह का दावा है कि विश्व का सारा आतंकवाद पाकिस्तान प्रायोजित कर रहा है। उन्होंने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात भी आइएसआइएस का सबसे बड़ा मददगार है।

    मथुरा में इस्लाम पर अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में भाग लेने आए तारेक ने कल कहा कि आइएसआइएस को 40 देश फंङ्क्षडग कर रहे हैं, यह सही है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अब तक बड़ी मदद लेकर अपनी फौज के हजारों जवानों को मरवा चुका है। अफगानिस्तान, पाकिस्तान आदि देशों से 25 हजार जिहादी इराक कैसे पहुंचे। अमेरिका अपनी दुश्मनी ईरान से निकाल रहा है और पाकिस्तान पूरे विश्व में आतंकवाद को प्रायोजित कर रहा है। श्री फतेह का कहना था कि हिन्दुस्तान में तो मृत्यु के बाद भी जीवन की अवधारणा है, इसलिए लोग ईश्वर से डरते हैं। मुसलमान तो मानते हैं कि मौत के बाद जिंदगी शुरू नहीं होती। अब करो मुकाबला कैसे करोगे। एक कांफ्रेंस के बाद तारेक फतेह ने कहा कि सऊदी अरब का इस्लाम पीछे और भारत का आगे जाएगा। उन्होंने कहा कि इस्लाम महिला विरोधी नहीं है। जो लोग बेटियों को पढ़ाने के पक्षधर नहीं हैं, उनका सच्चे इस्लाम से ताल्लुक नहीं है। विद्वान लेखक ने कहा कि बंटवारे के समय दस लाख लोग मारे गए और उनमें मरने और मारने वाले मुस्लिम ही थे। भारत में उदारवादिता है और महिलाओं को आजादी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारत में आइएस व लश्कर के हजार समर्थक: प्रकाश सिंह

    बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के पूर्व महानिदेशक प्रकाश सिंह का दावा है इस्लाम में कट्टरपंथ के चलते ही लश्कर ए तोएबा, अलकायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे खूंखार संगठन पनप रहे हैं। इस समय भारत में इनके हजार से अधिक समर्थक है। सरकारें इस मुद्दे को राजनीतिक कारणों से दबाती हैं। उन्होंने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा नीति में भी खामी है। मथुरा के आरसी गल्र्स डिग्री कॉलेज में एक कांफ्रेंस के बाद प्रकाश सिंह ने कहा कि भारत में खूंखार आतंकी संगठनों के समर्थक बढ़ रहे हैं। भले ही वह सक्रिय नहीं, पर उनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। वर्तमान समय में इनकी संख्या हजार से अधिक ही है। युवाओं को बरगलाया जा रहा है। छोटे शहरों में भी इनकी गिनती की जा सकती है।

    उन्होंने कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर आस्ट्रेलिया जैसी नीति भारत में लागू होनी चाहिए। उन्होंने आंतरिक सुरक्षा नीति की समीक्षा की जरूरत जताते हुए इसके गंभीरता से अनुपालन कराने की जरूरत बताई।

    तलाक और वसीयत के लिए ही शरीयत का इस्तेमाल

    हैदराबाद की मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के चांसलर जफर युनुस सरेशवाला ने कहा कि मुसलमान शरीयत का जीवन में केवल दो बार इस्तेमाल करते हैं। एक तलाक के समय, ताकि दहेज वापस न करना पड़े और दूसरा वसीयत करने में। मुसलमान यदि यह चाहता है कि कॉमन सिविल कोड न आए, तो उसे दूसरे कानून भी मानने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि हजरत उमर के जमाने में भी तलाक लेने वाले को सौ कोड़े पड़ते थे। यह बैलेंस अब भी होना चाहिए। वह यहां हाऊ टू अंडरस्टैंड एंड कोएक्जिस्ट विद रेडिकल इस्लाम विषयक इंटरनेशनल कांफ्रेंस में भाग लेने आए थे। उन्होंने कहा कि इस्लाम में विरोध की प्रमुखता है, यह ठीक है, लेकिन विश्व में तमाम ऐसी मुस्लिम महिलाएं हैं, जिन्होंने बड़ा जहीन काम किया है। तमाम मुस्लिम महिलाएं जज हैं और 1250 मुस्लिम महिलाएं तो हदीस पर भाषण देती हैं। जो लोग इस्लाम और हदीस पढ़े हुए हैं, वे सुलह का रवैया रखते हैं। सरेशवाला का कहना था कि गूगल पर परोसी जा रही सामग्री से इस्लाम के प्रति गलत नजरिया बन रहा है। मुस्लिम बच्चे भी गलत सोहबत में पड़ रहे हैं। मुस्लिम कौम को शिक्षा की बेहद जरूरत है।