एनआइए की छह सदस्यीय टीम लखनऊ पहुंची, आतंकी का मददगार शैलेंद्र गिरफ्तार
आतंकी सैफुल्लाह के मामले की जांच करने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की छह सदस्यीय टीम लखनऊ पहुंची है। टीम ने उस घर में ताला लगाकर घटनास्थल को सील कर दिया।
लखनऊ (जेएनएन)। मध्य प्रदेश के उज्जैन में एक पैसेंजर ट्रेन में ब्लास्ट के बाद लखनऊ में एटीएस उत्तर प्रदेश के साथ एनकाउंटर में मारे गए आतंकी सैफुल्लाह के मामले की जांच करने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की छह सदस्यीय टीम लखनऊ पहुंची है। टीम ने उस घर में ताला लगाकर घटनास्थल को सील कर दिया।
ठाकुरगंज की हाजी कालोनी में आतंकी के एनकाउंटर स्थल पर एनआइए की टीम ने मकान से बरामद सभी सामान की जांच शुरू कर दी है। टीम इस दौरान हर कोने को भी परख रही है। एनआइए की टीम के उस मकान पर पहुंचने के बाद मकान की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहां पर पड़ताल के बाद एनआइए की टीम ने मकान पर ताला जड़ दिया है।
इस बीच लखनऊ में एटीएस ने खोरासान ग्रुप के शैलेंद्र गिरफ्तार किया है। शैलेंद्र की मारुति 800 बरामद। इस कार से असलहों की आपूर्ति होती थी। सैफुल्लाह के नेटवर्क से जुड़े गुमराह युवाओं की तलाश में एटीएस और एसटीएफ की टीमें प्रदेश में छापामारी कर रही हैं।
एनआइए को दी जा सकती विवेचना की जिम्मेदारी
संकेत मिले हैं कि हाजीटोला के सैफुल्लाह मुठभेड़, मध्य प्रदेश ट्रेन विस्फोट और बाराबंकी के देवा में विस्फोट की साजिश का अन्तर्राष्ट्रीय नेटवर्क होने से विवेचना की जिम्मेदारी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए ) को दी जा सकती है।लखनऊ में आइएस समर्थक आतंकी सैफुल्लाह के मारे जाने के बाद उनके बारे में मिली जानकारी ने सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ा दिए हैं। इस कांड को लेकर एनआइए की टीम बेहद गंभीर है।
इस बीच बताया गया है कि एटीएस की कार्रवाई में ïमारा गया आतंकी सैफुल्लाह कानपुर के मोहम्मद सरताज खान का पुत्र है। कानपुर में नफीस ने कहा आतंकी सैफुल्लाह मेरा बेटा नहीं भतीजा है। नफीस के तीन बेटों को भी कल एटीएस ने पूछताछ के लिए उठाया है।
क्या है आईएसआईएस खोरासान मॉड्यूल
लखनऊ में कल मारे गए आतंकी सैफुल्लाह के साथ ही कानपुर, उन्नाव और मध्य प्रदेश से पकड़े गए आतंकी आईएसआईएस खोरासान मॉड्यूल से संबंधित बताए जा रहे हैं। जांच एजेंसियों ने इन आतंकियों को आईएसआईएस खोरासन मॉड्यूल से जुड़ा हुआ था बताया है। सैफुल्लाह के घर से जो आईएसआईएस का झंडा भी बरामद हुआ है।
आईआईएस का खोरासान मॉड्यूल को खोरासान ग्रुप के नाम से भी जाना जाता है। जिसमें अलकायदा के लोग भी शामिल हैं। इस ग्रुप को सीरिया के खोरासान से चलाया जाता है। इस ग्रुप के पास अभी बहुत कम लड़ाके हैं। इस आतंकी संगठन को अमेरिका के लिए बड़ा खतरा बताया जाता है और इसके बारे में कहा जाता है कि यह आईएसआईएस से ज्यादा खतरनाक और कट्टर है। आईएसआईएस खोरासान को ही पाकिस्तान की लाल शहबाज कलेंदर मस्जिद में हुए धमाके का दोषी माना जा रहा है। इस धमाके में 75 लोग मारे गए थे। केरल से जो 21 लड़के गायब हुए हैं उनके बारे में कहा जाता है कि वह आईएसआईएस खोरासान को ही ज्वाइन किया है।
आईएसआईएस खोरासान को 2012 में बनाया गया था। इस ग्रुप की विचारधारा वहाबी से प्रभावित है। ग्रुप के सरगना का नाम मोहम्मद इस्लामबौली। इसके कुछ सरगना अलकायदा के मुखिया ओसामा बिन लादेन के साथ काम कर चुके हैं। ग्रुप का मुख्य ठिकाना अलेप्पो और बावाबियाह में और उत्तर-पश्चिम सीरिया में सक्रिय में है। खोरासान शब्द एक प्राचीन इलाके का नाम है जिसमें कभी उज्बेकिस्तान, अफगानिस्तान, तुर्केमेनिस्तान और र्ईराक का हिस्सा शामिल था।
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