दलितों के गढ़ में ताकत दिखा विरोधियों को करारा जवाब देंगी मायावती
स्वामी प्रसाद मौर्य और आरके चौधरी जैसे दिग्गजों की बगावत और दयाशंकर प्रकरण पर चौतरफा घेराबंदी के बाद से बैकफुट पर आयी बसपा प्रमुख ने भीड़ जुटा कर ताकत दिखाने का ब्रह्मास्त्र आजमाया
लखनऊ (जेएनएन)। व्यापक स्तर पर हुई बगावत के बाद बहुजन समाज पार्टी कल आगरा में रैली कर विरोधियों को ताकत का अहसास कराएगी। चुनावी हुंकार के साथ ही बसपा मंडलीय रैलियों के जरिए डैमेज कंट्रोल अभियान भी आरम्भ करेगी।
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स्वामी प्रसाद मौर्य और आरके चौधरी जैसे दिग्गजों की बगावत और दयाशंकर प्रकरण पर चौतरफा घेराबंदी के बाद से बैकफुट पर आयी बसपा प्रमुख ने भीड़ जुटा कर ताकत दिखाने का ब्रह्मास्त्र आजमाया। दलितों का गढ़ माने जाने वाले आगरा में बसपा ने 21 अगस्त को भीड़ जुटाने के लिए पूरी ताकत लगा दी है। घोषित स्थानीय प्रत्याशियों के अलावा पार्टी के पदाधिकारियों का भविष्य भी रैली की भीड़ से तय होगा।
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बसपा प्रमुख पहली रैली के जरिए दलित वोटों में कोई बिखराव न होने का संदेश भी देंगी। इतना ही सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय नाम देकर बसपा सामाजिक गणित सुधारने की कोशिश की कर रही है। खास कर अल्पसंख्यक व ब्राह्मण समाज से भीड़ जुटाने में ताकत लगाई है। आगरा के साथ अलीगढ़ मंडल से भीड़ जुटाने का काम हो रहा है। राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी, रामवीर उपाध्याय व श्यामसुंदर शर्मा जैसे दिग्गजों पर अपने समाज की भीड़ जुटाने का दारोमदार रहेगा।
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आगरा के बाद 20 अगस्त को मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ मेंं बसपा प्रमुख मायावती रैली कर सपा को ललकारेंगी। इलाहाबाद में चार सितंबर को बसपा अपने हाथी की ताकत आजमाएंगी। परेड ग्राउंड में आयोजित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली से भी ज्यादा भीड़ जुटाने में जुटे बसपा नेताओं का दावा है कि डैमेज कंट्रोल ही नहीं प्रदेश की सत्ता में वापसी का रास्ता भी इन रैलियों से साफ होगा।
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