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    यूपीः हृदय नारायण दीक्षित विधानसभा के अध्यक्ष निर्वाचित

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Thu, 30 Mar 2017 04:22 PM (IST)

    उन्नाव के भगवंतनगर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक तथा कवि हृदय व्यक्तित्व के धनी हृदय नारायण दीक्षित आज उत्तर प्रदेश में विधानसभा के अध्यक्ष निर्वाचित किये गये।

    यूपीः हृदय नारायण दीक्षित विधानसभा के अध्यक्ष निर्वाचित

    लखनऊ (जेएनएन)। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता ह्रदय नारायण दीक्षित को उत्तर प्रदेश विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया। विधानभवन में आज उनको अध्यक्ष चुने जाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शुभकामनायें दी। आज मुख्यमंत्री ने सदन में उपस्थित विधायकों से भी मुलाकात की। 

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    उन्नाव के भगवंतनगर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक तथा कवि हृदय व्यक्तित्व के धनी हृदय नारायण दीक्षित आज उत्तर प्रदेश में विधानसभा के अध्यक्ष निर्वाचित किये गये। पार्टी के वरिष्ठ नेता हृदय नारायण दीक्षित का नाम कल ही तय हो गया था। इसके लिए उन्होंने कल नामांकन किया था।

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    नामांकन के समय मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी सहित भाजपा के दर्जन भर से अधिक विधायक एवं प्रदेश सरकार के मंत्री भी मौजूद थे।

    हृदयनारायण दीक्षित इस बार उन्नाव के भगवंतनगर से विधायक निर्वाचित हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी के शपथ ग्रहण समारोह में हृदयनारायण दीक्षित को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया था।

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    तभी से यह माना जा रहा था कि वह विधानसभा अध्यक्ष बनेंगे। परसों पार्टी के निर्देश पर हृदयनारायण दीक्षित ने विधानसभा अध्यक्ष के लिए अपना नामांकन कर दिया। इस पद के लिए दूसरे किसी नेता ने नामांकन नहीं किया। इसके बाद से ही तय हो गया था कि दीक्षित ही विधानसभा अध्यक्ष होंगे। इसकी औपचारिक घोषणा आज की गई। 

    विधायकों को दी नसीहत

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधायकों को नसीहत दी । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोकभवन में विधान मंडल दल की बैठक को संबोधित कर रहे थे। सुशासन का पढ़ाया पाठ। 25 विधायकों होंगे एक सचेतक। विधायकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। सरकारी आवास में रहें और विवादों से बचे।  योगी ने भाजपा विधायकों को विकास और सुशासन की नसीहत दी।

    सदन में कार्य करने का लंबा अनुभव

    हृदयनारायण दीक्षित संसदीय कार्य मंत्री रह चुके हैं। सदन में कार्य करने का उनका लंबा अनुभव है। वह चार बार विधायक और विधान परिषद सदस्य रह चुके हैं। इसके साथ ही विधान परिषद में वह बीजेपी नेता के रूप में जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं। उनकी संगठन में भी खासी पकड़ मानी जाती है।

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    उन्नाव में पार्टी के जिलाध्यक्ष रहने के साथ ही प्रदेश उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता की भी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। दीक्षित साहित्यकार एवं लेखक भी हैं। उनके कई लेख व किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। आपातकाल में वह करीब 19 माह तक जेल में रह चुके हैं।

    पहली बार निर्दल चुनाव जीते 

    वर्ष 1985 में हृदय नारायण दीक्षित पहली बार निर्दल चुनाव लड़कर विधायक बने थे। उन्नाव में पुरवा तहसील के लउवा गांव के निवासी हृदय नारायण दीक्षित वर्ष 1989 में जनतादल, 1991 में जनता पार्टी और 1993 में सपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीत चुके हैं।

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    सपा-बसपा गठबंधन की सरकार में 1995 में संसदीय कार्य एवं पंचायतीराज मंत्री रहे हैं। वर्ष 2010 से जून 2016 तक भाजपा विधान परिषद सदस्य और दलनेता भी रहे। भाजपा के संगठन में विभिन्न पदों पर रहे दीक्षित वर्तमान में पार्टी में प्रमुख प्रवक्ता पद की जिम्मेदारी संभाले हुए थे। इस बार दीक्षित ने भगवंतनगर सीट से भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीता है।