पश्चिम हाईकोर्ट बेंच मामला: वकीलों की हड़ताल स्थगित
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट खंडपीठ की स्थापना की मांग को लेकर मुरादाबाद में चल रहा आंदोलन को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। केंद्रीय कृषिमंत्री संजीव बालियान के आश्वासन पर 22 जिलों के अधिवक्ताओं ने फैसला लिया। अलबत्ता शनिवार की हड़ताल जारी रहेगी। 14 फरवरी को अलीगढ़ में बैठक
लखनऊ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट खंडपीठ की स्थापना की मांग को लेकर मुरादाबाद में चल रहा आंदोलन को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। केंद्रीय कृषिमंत्री संजीव बालियान के आश्वासन पर 22 जिलों के अधिवक्ताओं ने फैसला लिया। अलबत्ता शनिवार की हड़ताल जारी रहेगी। 14 फरवरी को अलीगढ़ में बैठक में अगली रणनीति तय होगी।
आज मुरादाबाद में दि बार एसोसिएशन एंड लाइब्रेरी, मुरादाबाद के तत्वावधान में हुई हाईकोर्ट खंडपीठ स्थापना संघर्ष समिति (केंद्रीय संघर्ष समिति) में पश्चिमी उत्तर प्रदेश (पउप्र) के 22 जिलों के अध्यक्ष व महासचिवों ने भाग लेकर अपने विचार रखे। इसी बीच केंद्रीय कृषि मंत्री संजीव बालियान ने पदाधिकारियों को फोन कर आंदोलन स्थगित करने का अनुरोध किया। तकरीबन चार घंटे के विचार विमर्श के बाद पउप्र हाईकोर्ट खंडपीठ स्थापना संघर्ष समिति (केंद्रीय संघर्ष समिति) के अध्यक्ष डीडी शर्मा ने कहा कि दिल्ली में केंद्रीय वित्तमंत्री व कृषि राज्य मंत्री से मिले आश्वासन के बाद 14 फरवरी तक सप्ताह में तीन दिन चलने वाली हड़ताल स्थगित की जा रही है। सोमवार से शुक्रवार तक न्यायिक कामकाज होगा और पूर्व की भांति हड़ताल जारी रहेगी। इस दिन काम करने वाले अधिवक्ताओं के खिलाफ बार एसोसिएशन कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं। अगली रणनीति अलीगढ़ में 14 फरवरी को तय की जाएगी। बैठक की अध्यक्षता मुरादाबाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष हाजी अमीरुल हसन जाफरी और संचालन महासचिव आदित्य कुमार श्रीवास्तव ने किया।
खंडपीठ के लिए मंत्री पद बलिदान
केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री संजीव बालियान ने जागरण से कहा कि खंडपीठ स्थापना पर वादाखिलाफी हुई तो मंत्री पद के बलिदान को तैयार हूं। आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 22 जिलों के बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व महासचिवों की बैठक के अंतिम चरण में हाईकोर्ट खंडपीठ स्थापना संघर्ष समिति (केंद्रीय संघर्ष समिति) के महासचिव अनिल जंगाला के मोबाइल पर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री संजीव बालियान का फोन आया। उन्होंने वादकारी हित में आंदोलन को स्थगित करने का आग्रह किया और बताया कि 30 जनवरी को केंद्रीय संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी तो वह भी साथ थे। तब उन्होंने खंडपीठ आंदोलन को जायज बताते हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों के बाद अधिवक्ताओं को बुलाया था। इसलिए मेरा आग्रह है कि पउप्र के अधिवक्ता अपना आंदोलन स्थगित कर दें क्योंकि खंडपीठ स्थापना को लेकर केंद्र सरकार चिंतित हैं। इसके बाद केंद्रीय संघर्ष समिति के महासचिव ने दैनिक जागरण संवाददाता की केंद्रीय राज्य मंत्री से वार्ता कराई। 31 साल पुराने संघर्ष को फिर से आश्वासन देकर स्थगित कराने के सवाल पर बालियान ने कहा कि अब ऐसा नहीं होगा। केंद्र सरकार खंडपीठ स्थापना के लिए चिंतित है। अगर केंद्र सरकार ने वादा खिलाफी की तो मंत्री पद का बलिदान कर दूंगा।