कानपुर, इलाहाबाद और वाराणसी में गंगा खतरे के निशान से ऊपर
लखनऊ। लगातार बढ़ रहीं गंगा मंगलवार रात कानपुर में खतरे का निशान पार कर बहने लगीं। यही नहीं फ ...और पढ़ें

लखनऊ। लगातार बढ़ रहीं गंगा बुधवार को दस बजे तक कानपुर, इलाहाबाद और वाराणसी में खतरे का निशान पार कर बहने लगीं। यही नहीं फर्रुखाबाद, उन्नाव, बलिया, भदोही और मीरजापुर के तटवर्ती इलाकों में हालात भयावह हो गए हैं। प्रशासन ने अलर्ट घोषित कर दिया। बुंदेलखंड में यमुना जबरदस्त उफान पर हैं। बांदा में यह खतरे के निशान से डेढ़ मीटर ऊपर हैं। इलाहाबाद में गंगा व यमुना फिर बढ़ गया है। कानपुर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 114 मीटर से करीब 20 सेमी ऊपर है। उन्नाव में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के 112.730 मीटर पर पहुंच गया। फर्रुखाबाद व हरदोई में भी बाढ़ पीड़ितों की मुसीबतें बढ़ गई हैं। वाराणसी में गंगा ने बुधवार को सुबह दस बजे खतरे का निशान पार कर लिया है। दो सेंटीमीटर प्रति घटे की रफ्तार से बढ़ाव जारी है। बलिया में गंगा में प्रति घटा दो सेंटीमीटर बढ़ाव, निचले क्षेत्रों में फिर फैलने लगा बाढ़ का पानी, घाघरा का जलस्तर घट रहा है। भदोही में लाल निशान पार करने के बाद भी गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। तटवर्ती इलाकों में ग्रामीणों की नींद उड़ गई है। मीरजापुर में लगातार बढ़ रहे गंगा के जलस्तर को लेकर किनारे के गावों को खतरा है। चील्ह, मझवा व सीखड़ के कई गाव प्रभावित हैं।
बांदा में यमुना ने बबेरू और चिल्ला और जसपुरा के दर्जनों गांवों को अपनी चपेट में ले रखा है। सुबह चिल्ला घाट में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से करीब डेढ़ मीटर ऊपर जा पहुंचा। हालांकि सरकारी आंकड़े देखें तो यमुना का जलस्तर बीते दिन की अपेक्षा कम हुआ है। चित्रकूट में यमुना का जलस्तर बढ़ने से आधा दर्जन से अधिक गांव में बाढ़ का पानी घुसने लगा है। औरैया में यमुना का जलस्तर लाल निशान पर स्थिर है। फतेहपुर में यमुना की बाढ़ का पानी घटना शुरू हुआ है। बांदा से कानपुर जा रहा ट्रक पलटने से गेहूं के बोरे पानी में बहे गए। इलाहाबाद में गंगा का जलस्तर 84.734 मीटर के निशान को पार कर गया है।
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