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    लखनऊ में फर्जी लेटर पर दिला दिया एमबीबीएस में दाखिला

    By amal chowdhuryEdited By:
    Updated: Mon, 31 Jul 2017 09:23 AM (IST)

    निदेशालय के पत्र के साथ-साथ उसने संस्थान एडमिनिस्टेटर के नाम से डॉक्यूमेंट रिसीविंग व वेरीफिकेशन का फर्जी लेटर जारी कर बैंक खाते में शुल्क भी जमा करा ...और पढ़ें

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    लखनऊ में फर्जी लेटर पर दिला दिया एमबीबीएस में दाखिला

    लखनऊ (संदीप पांडेय)। उत्तर प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सत्र-2017 में लाखों रुपये लेकर एडमिशन कराने का गिरोह सक्रिय है। रैकेट ने एक छात्र को चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय के पत्र पर राम मनोहर लोहिया संस्थान की नीट-सेंट्रल कोटे की सीट एलॉट करा दी। बैंक एकाउंट में शुल्क भी जमा कर दिया। छात्र ने जब प्रभारी से कक्षाओं की डिटेल मांगी तो फर्जीवाड़े का राजफाश हुआ। मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

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    जुलाई के प्रथम सप्ताह में हैदराबाद निवासी नर्रा विशाल रेड्डी फर्जीवाड़ा का शिकार हुआ। खुद को चिकित्सा शिक्षा निदेशालय का अधिकारी बताने वाले उपाध्याय नाम के शख्स ने उसे लोहिया संस्थान में केंद्रीय कोटे की सीट आवंटित कर लाखों रुपये ले लिए। निदेशालय के पत्र के साथ-साथ उसने संस्थान एडमिनिस्टेटर के नाम से डॉक्यूमेंट रिसीविंग व वेरीफिकेशन का फर्जी लेटर जारी कर बैंक खाते में शुल्क भी जमा करा दिया।

    अस्पताल में हुई सेटिंग: जालसाज उपाध्याय ने छात्र नर्रा विशाल रेड्डी को जहां चिकित्सा शिक्षा निदेशालय के भवन ले जाकर फर्जी एलॉटमेंट लेटर थमा दिया। वहीं काउंसलिंग के लिए संस्थान के बजाय लोहिया अस्पताल ले गया। वहां एक कक्ष में छात्र के मूल शैक्षणिक दस्तावेज लिए। वहीं कुछ देर बाद उसे संस्थान के एडमिनिस्टेटर के नाम से डॉक्यूमेंट रिसीविंग का लेटर थमाकर एडमिशन होने का दावा किया।

    आया फोन, मची खलबली: प्रकिया के दौरान छात्र नर्रा विशाल को कुछ शक हुआ। उसने संस्थान में एमबीबीएस एडमिशन प्रभारी डॉ. राजेंद्र भटनागर को फोन करके कक्षाएं शुरू होने की जानकारी मांगी। साथ ही खुद के एडमिशन की डिटेल का ब्योरा देने का अनुरोध किया।

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    अकाउंट में जमा कराई फीस: भटनागर ने शनिवार को डिटेल जांची तो छात्र का एडमिशन संस्थान के रिकॉर्ड में नहीं मिला। वहीं छात्र की बातों की सत्यता परखने के लिए संस्थान के बैंक एकाउंट की जांच की गई तो उसकी 36 हजार फीस जमा मिली। ऐसे में संस्थान प्रशासन ने मामले में एफआइआर कराने का निर्णय लिया।

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