सतर्कता जांच में फंसे राम अचल और नसीमुद्दीन, मुकदमे की अनुमति मांगी
आदर्श आचार संहिता प्रभावी होते ही बसपा सरकार के मंत्रियों के खिलाफ दो साल से लंबित जांचें पूरी कर लीं गईं है। इसमें रामअचल और नसीमुद्दीन सिद्दीकी फंस गए हैं।
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। आदर्श आचार संहिता प्रभावी होते ही बसपा सरकार के मंत्रियों के खिलाफ दो साल से लंबित जांचें पूरी कर लीं गईं है। संस्तुति के बाद निर्णय शासन को लेना है। इसमें बसपा सरकार में मंत्री रहे रामअचल और नसीमुद्दीन सिद्दीकी भी फंस गए हैं। ध्यान रहे कि तत्कालीन लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा ने सपा सरकार में आधा दर्जन से अधिक मंत्रियों को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और पद का दुरुपयोग करने का दोषी ठहराया था। स्मारक घोटाले में दो मंत्रियों, राजकीय निर्माण निगम के इंजीनियरों को दोषी मानते हुए कार्रवाई की संस्तुति की थी। निदेशक सतर्कता अधिष्ठान भानु प्रताप सिंह ने कहा कि कई जांचें पूरी हो गई हैं, जिनका परीक्षण अंतिम दौर में है। कई दिनों से बाहर हूं, अभी कोई रिपोर्ट शासन को भेजी नहीं गई है।
केंद्र के दबाव में सीबीआइ दबा रही अमित शाह की जांच : नसीमुद्दीन
दो साल से लंबित रहीं जांचें
उत्तर प्रदेश शासन ने इन मामलों में सतर्कता विभाग को जांच के आदेश दिए थे। दो साल से जांचें चल रही थीं, आदर्श आचार संहिता लगते ही एजेंसी सक्रिय हो गई है। पूर्व विधायक केके सचान पर मुकदमा चलाने की इजाजत मांगी है। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का दोषी मानते हुए उन पर मुकदमा चलाने की इजाजत मांगने की पत्रावली तैयार है। सूत्रों का कहना है कि सतर्कता अधिकारी स्मारक घोटाले की जांच को आठ हिस्सों में बांटकर आगे बढ़ा रहे हैं। इनमें क्रय समिति व पत्थरों की खरीद के लिए कंसोर्डियम बनाने के हिस्से की जांच पूरी हो गई है। इसकी चार्जशीट दाखिल करने की शासन से इजाजत मांगी गई है।
जो जितना बड़ा अपराधी वह उतना बड़ा समाजवादी : नसीमुद्दीन
बाबू सिंह ने किया पद का दुरुपयोग
बाबू सिंह कुशवाहा ने पद का दुरुपयोग किया और आय से अधिक व्यय किया। उनके खिलाफ खुली जांच पूरी कर मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी गई है। सतर्कता जांच में कुशवाहा ने आय से 35 प्रतिशत ज्यादा व्यय किया है।
UP Election 2017: विधायक के वाहन से झंडा उतारा, दो बसपा प्रत्याशियों पर मुकदमा
नसीमुद्दीन पर कार्रवाई की संस्तुति
मायावती सरकार के प्रभावशाली मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर आय से अधिक व्यय का इल्जाम है। सतर्कता जांच में पाया गया है कि सिददीकी ने 1997 से 2012 के बीच 96 लाख रुपये कमाये और 14 करोड़ रुपये खर्च किये। स्मारकों में इस्तेमाल होने वाले पत्थरों की खरीद फरोख्त के लिए नियम विरुद्ध कंसोर्डियम बनाने व क्रय समिति में गड़बड़ी का जिम्मेदार ठहराया गया है।
यूपी इलेक्शन 2017:जानें चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता
राम अचल भी आरोपित
सतर्कता विभाग ने बसपा के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व परिवहन मंत्री रामअचल को आय से 812 गुना अधिक संपत्ति अर्जित करने का दोषी पाया है। उन पर मुकदमा चलाने के लिए शासन से अनुमति मांगने की तैयारी पूरी हो गई है। सतर्कता विभाग के अधिकारियों ने अपनी जांच में पाया है कि वर्ष 2007 से 2012 तक राम अचल रजभर की कुल वैध आय 34 लाख रूपये से कुछ ज्यादा थी, मगर उन्होंने चार करोड़ रुपये से अधिक व्यय किया। संपत्तियां भी खरीदीं। सतर्कता विभाग ने उन पर मुकदमा चलाने की शासन से अनुमति मांगी है।
सचान पर मुकदमा की इजाजत मांगी।
तस्वीरों में देखें-यूपी में चुनाव आचार संहिता का आचरण
मुकदमे की अनुमति मांगी
सतर्कता अधिष्ठान ने बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और जौनपुर जिले के मडिय़ाहूं क्षेत्र के पूर्व विधायक कृष्ण कुमार पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मुकदमा चलाने की शासन से अनुमति मांगी है। कानपुर की अर्चना सिंह की शिकायत पर तत्कालीन लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा ने अपनी जांच मुख्यमंत्री को भेजी थी, जिसमें पाया गया था कि सचान ने ज्ञानोदय शिक्षण एवं मानव उत्थान नाम की संस्था बनाई। दोनों संस्थाओं ने 2007 से 2011 के बीच कानपुर, कानपुर देहात और अन्य शहरों में 29 सपत्तियां खरीदीं। संस्था ने 2010-2011 में 63,50,000 रुपये की बचत का उल्लेख किया जबकि 2007 से 2009 तक के बही खाते में कोई बचत नहीं थी। गलत इन्द्राज के जरिये कानपुर देहात के ग्राम चकटोडरपुर गांव के दो खातों की जमीन का बैनामा सचान की पत्नी सुनीता सचान के नाम कराया गया। शासन ने इस मामले की जांच सतर्कता अधिष्ठान को सौंपी थी। जांच एजेंसी ने सचान को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का दोषी ठहराते हुए उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की शासन से अनुमति मांगी है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।