अवैध शराब से मौत होने पर अब दोषियों को मिलेगी सजा-ए-मौत
अवैध विषाक्त शराब से मौत पर अब दोषियों को मृत्युदंड, आजीवन कारावास के साथ ही 10 लाख रुपये का भारी-भरकम जुर्माना चुकाना होगा।
लखनऊ (जेएनएन)। अवैध रूप से शराब बनाने और शराब की तस्करी करने वाले पूरी तरह से सावधान हो जाएं। अवैध विषाक्त शराब से मौत पर अब दोषियों को मृत्युदंड, आजीवन कारावास के साथ ही 10 लाख रुपये का भारी-भरकम जुर्माना चुकाना होगा। इस संबंध में 107 वर्ष पुराने आबकारी एक्ट में संशोधन संबंधी अध्यादेश को राज्यपाल ने बुधवार को मंजूरी दे दी। राज्यपाल की हरी झंडी मिलने के साथ ही सूबे में आबकारी अध्यादेश के कड़े प्रावधान लागू हो गए हैं।अवैध शराब के विषाक्त होने से आए दिन होने वाली मौतों और शराब की तस्करी से आबकारी राजस्व हो रहे नुकसान के मद्देनजर योगी सरकार ने पिछले सप्ताह ही अंग्रेजों के बनाये उत्तर प्रदेश आबकारी अधिनियम, 1910 की दंडक धाराओं को बेहद कड़ा बनाने संबंधी संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
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वर्तमान में राज्य विधानमंडल सत्र के न चलने के कारण कैबिनेट से मंजूर उत्तर प्रदेश आबकारी (संशोधन) अध्यादेश 2017 से संबंधित पत्रावली मंगलवार को राज्यपाल के पास भेजी गई थी। गौर करने की बात यह है कि 24 घंटे से भी कम समय में संबंधित प्रस्ताव का विधिक परीक्षण कराकर राज्यपाल राम नाईक ने बुधवार को अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी। राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही राज्य सरकार ने भी समय गंवाए बिना बुधवार को ही संबंधित अधिसूचना जारी कर अध्यादेश के कड़ी सजा, दंड शुल्क और अधिकारियों के अधिकार संबंधी प्रावधानों को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। सरकार का मानना है कि अब कठोर दंड होने पर शराब की तस्करी व अवैध शराब बनाने पर अंकुश लगेगा जिससे आबकारी राजस्व में भी इजाफा होगा। विदित हो कि पिछले वित्तीय वर्ष में सरकार को आबकारी से 14272 करोड़ रुपये मिले थे।
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अवैध शराब पर थी छह माह की सजा
अब तक लागू कानून के तहत अवैध शराब के कारोबारियों को जहां छह माह तक ही जेल हो सकती थी वहीं जुर्माना भी अधिकतम पांच हजार रुपये था। अध्यादेश के माध्यम से आबकारी एक्ट की दो दर्जन धाराओं में संशोधन के अलावा नई धारा 60 (क) जोड़कर अब ऐसी व्यवस्था की गई है कि अवैध रूप से शराब की तस्करी, बिक्री एवं अवैध शराब के विषाक्त होने और उसको पीने से किसी की मृत्यु या स्थायी अपंगता पर दोषियों को मृत्युदंड दिया जा सकेगा। इतना ही नहीं ऐसे गंभीर मामलों में दोषियों पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाने के साथ ही उन्हें आजीवन कारावास की कठोर सजा भी हो सकेगी।
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मिलावटी शराब पर भी ज्यादा सजा व जुर्माना
अब तक शराब में मिलावट पर छह माह का कारावास और दो हजार रुपये का अर्थदंड रहा है। शराब में मिलावट पर कड़ाई से अंकुश लगाने के लिए नए कानून के तहत एक वर्ष की जेल और पांच हजार रुपये तक का अर्थदंड रखा गया है। इसी तरह अवैध रूप से मादक वस्तुओं को रखने पर न्यूनतम छह माह की सजा, मादक वस्तुओं के अवैध आयात और परिवहन पर भी अब ज्यादा सजा व जुर्माना होगा। कंपाउडिंग धनराशि भी पांच हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये की गई है।
अफसरों को भी मिलेगा कठोर दंड
अवैध शराब के कारोबारियों से मिलीभगत रखने वाले विभागीय अफसरों के कर्तव्यपालन में हीला-हवाली पाए जाने पर उन्हें भी अब कठोर दंड दिया जा सकेगा। कठोर दंड का प्रावधान होने से तलाशी आदि के मामले में जरा भी लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अफसरों के खिलाफ निलंबन और बर्खास्तगी तक की कार्रवाई हो सकेगी। हालांकि गिरफ्तारी, निरुद्ध, जब्ती, सर्च वारंट और जमानती व गैर जमानती धाराओं आदि में संशोधन से अफसरों के अधिकारों में बढ़ोतरी भी की गई है।
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