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दयाशंकर की एफआइआर खारिज कराने पर हाईकोर्ट में सुनवाई कल

दयाशंकर सिंह ने अब गिरफ्तारी से बचने और एफआइआर खारिज कराने के लिए हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की है। इस पर 28 जुलाई को सुनवाई संभव है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 26 Jul 2016 03:31 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jul 2016 09:36 PM (IST)
दयाशंकर की एफआइआर खारिज कराने पर हाईकोर्ट में सुनवाई कल

लखनऊ (जेएनएन)। पूर्व भाजपा नेता दयाशंकर सिंह ने हाईकोर्ट की शरण ली है। उन्होंने लखनऊ बेंच में याचिका दायर कर बसपा प्रमुख मायावती पर अपमानजनक टिप्पणी के मामले में दर्ज प्राथमिकी को चुनौती दी है। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी पर भी रोक लगाने की मांग की है। 28 जुलाई को न्यायमूर्ति अजय लाम्बा व न्यायमूर्ति रविंद्र नाथ मिश्रा (द्वितीय) की खंडपीठ में इसकी सुनवाई संभव है।

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हाईकोर्ट में दयाशंकर की याचिका पर भाजपा के विधि प्रकोष्ठ के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक व वरिष्ठ अधिवक्ता राघवेंद्र सिंह उनका पक्ष रखेंगे। दयाशंकर सिंह की ओर से याचिका दाखिल करने वाले अधिवक्ता दिलीप कुमार श्रीवास्तव के अनुसार याचिका में कहा गया है कि दयाशंकर सिंह निर्दोष हैं। रिपोर्ट से स्पष्ट है कि उनके खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता। यह भी तर्क दिया गया है कि घटनास्थल मऊ है तो लखनऊ में प्राथमिकी कैसे दर्ज की जा सकती है। साथ ही एससी-एसटी अधिनियम के तहत भी कोई अपराध नहीं बनता। याचिका के अनुसार दयाशंकर को राजनीतिक रंजिश की वजह से फंसाया जा रहा है और केस की निष्पक्ष विवेचना होनी चाहिए।

पुलिस की छानबीन में दयाशंकर के खिलाफ लखनऊ की हसनगंज कोतवाली में दर्ज पांच मुकदमे अब तक सामने आए हैं। इनमें एक ऐसा भी है, जिसमें दयाशंकर के खिलाफ कोर्ट ने जमानती वारंट जारी किया था। न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय की कोर्ट में चल रहे इस मामले में अग्रिम सुनवाई तीस 30 जुलाई को होनी है। वर्ष 1995 में लखनऊ विश्वविद्यालय के तत्कालीन छात्रसंघ अध्यक्ष ने दयाशंकर के खिलाफ धोखाधड़ी, मारपीट, जान से मारने की धमकी सहित अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें वर्ष 2013 में ट्रायल शुरू हुआ था। आइजी जोन ए.सतीश गणेश के मुताबिक पुलिस यह तैयारी इसलिए कर रही है ताकि कोर्ट में दयाशंकर की जमानत का विरोध किया जा सके। पुलिस की एक टीम गैरजमानती वारंट को तामील कराने बलिया स्थित उनके आवास भेजी गई है, ताकि कुर्की के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की जा सके।

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मां के बयान दर्ज नहीं

उधर पुलिस अब तक बसपा सुप्रीमो मायावती सहित अन्य बसपा नेताओं के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने वाली दयाशंकर सिंह की मां तेतरा देवी के बयान नहीं दर्ज कर सकी है। अब विवेचक ने तेतरा देवी को नोटिस देकर बयान दर्ज कराने का आग्रह किया है। पुलिस ने तेतरा देवी से साक्ष्य के तौर पर सीडी भी मांगी है। दूसरी ओर पुलिस दयाशंकर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने वाले बसपा के राष्ट्रीय सचिव मेवालाल गौतम के बयान दर्ज कर चुकी है।

तैयार हो रही मास्टर सीडी

हजरतगंज चौराहे स्थित अंबेडकर प्रतिमा पर 21 जुलाई को बसपा के प्रदर्शन की कई रिकार्डिंग पुलिस के पास है। अब सभी को मिलाकर एक मास्टर सीडी तैयार कराई जा रही है। रिकार्डिंग करने वाले कैमरामैन को गवाह बनाने की भी तैयारी है।

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