मायावती, नसीमुद्दीन, राजभर और मेवालाल के खिलाफ मुकदमा
दयाशंकर की मां तेतरा देवी व पत्नी स्वाती की तहरीर पर मायावती, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, मेवालाल, रामअचल राजभर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
लखनऊ (जेएनएन)। बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी के मामले ने शुक्रवार को तब नया मोड़ ले लिया जब भाजपा से निकाले गए दयाशंकर सिंह की मां तेतरा देवी ने मायावती के खिलाफ जान से मारने की धमकी देने और अभद्र भाषा के इस्तेमाल का मुकदमा लिखा दिया। मां की तहरीर पर हजरतगंज कोतवाली में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी, राष्ट्रीय सचिव मेवालाल गौतम, प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर व अन्य के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज की गई।
तस्वीरों में देखें-मायावती पर अभद्र टिप्पणी को लेकर जनाक्रोश
एएसपी पूर्वी शिवराम यादव के मुताबिक तहरीर के आधार पर आरोपियों के विरुद्ध षड्यंत्र, ऐसा कृत्य जिससे दो संप्रदायों अथवा जातियों के लोगों के बीच विद्वेष पैदा हो, ऐसा कृत्य जिससे किसी महिला के मान-सम्मान को हानि हो, गाली-गलौज व जान से मारने की धमकी देने की धाराओं में रिपोर्ट पंजीकृत की गई है। बुधवार रात इसी कोतवाली में मेवालाल गौतम की तहरीर पर दयाशंकर सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई थी। शुक्रवार दोपहर करीब 12:15 बजे तेतरा देवी, दयाशंकर की बहनें जयंती सिंह, सरोज सिंह, भतीजी शालू सिंह, भाई जितेंद्र बहादुर सिंह अन्य परिवारीजन व समर्थकों के साथ कोतवाली पहुंचे और तहरीर दी। कुछ देर बाद दयाशंकर की पत्नी स्वाती सिंह भी कोतवाली पहुंच गईं। तेतरा देवी ने कहा कि दो दिन से वह और उनका परिवार घर का दरवाजा बंद करके रह रहा है। उनकी तहरीर के अनुसार मायावती व नसीमुद्दीन सिद्दीकी दयाशंकर की हत्या का षडयंत्र रच रहे हैं और उनसे पूरे परिवार को जानमाल का खतरा है, इसलिए प्रदेश सरकार परिवार को सुरक्षा प्रदान करे। इधर रिपोर्ट लिखी जा रही थी और उधर दयाशंकर समर्थक मायावती व बसपा नेताओं के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। सबसे ज्यादा जोर इस नारे पर था, 'नारी के सम्मान में, युवा है मैदान में।'क्या है तहरीर
प्रार्थनी 78 वर्षीय महिला है। 20 जुलाई को दोपहर करीब 3:20 बजे राज्यसभा में बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा मुझे, मेरी बेटी, मेरी बहू को, मेरी नातिन एवं देश की समस्त महिलाओं को अपशब्द कहे गए। 21 जुलाई को सुबह 11 बजे मायावती के कहने पर नसीमुद्दीन सिद्दीकी, राम अचल राजभर, मेवालाल गौतम आदि की अगुवाई में हजरतगंज स्थित अंबेडकर प्रतिमा पर बसपा कार्यकर्ताओं ने प्रार्थिनी के पुत्र दयाशंकर सिंह को गालियां दीं व अभद्र टिप्पणी वाला बैनर लेकर प्रदर्शन किया। मायावती के कहने पर नसीमुद्दीन ने अशोभनीय टिप्पणी करते हुए भीड़ को वर्ग व जातीय भेद बताते हुए शत्रुता फैलाकर हिंसा के लिए उत्तेजित किया। बहन-बेटी, मां व पत्नी के लिए अमर्यादित नारे लगाए जो दुष्कर्म की श्रेणी में आते हैं। प्रार्थिनी की पोती 12 वर्ष की है। टीवी चैनलों में दिखाए गए उन दृश्यों को देखकर वह गहरे सदमे में है। बसपा धरने नारी की मर्यादा, लज्जा भंग करने के नारे लगाए गए। मायावती स्वयं नारी होते हुए नारी की लज्जा भंग, अपमानित करवाने के नारे लगवा रही हैं।
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सदन में टिप्पणी पर एफआइआर नहीं
एएसपी पूर्वी के मुताबिक तेतरा देवी द्वारा दी गई तहरीर में 20 जुलाई को बसपा सुप्रीमो द्वारा सदन में की गई टिप्पणी की जो बात कही गई है, उसे एफआइआर में शामिल नहीं किया गया। 21 जुलाई को जिस घटनाक्रम का जिक्र किया गया है, उस पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है।
मायावती को यह अधिकार किसने दिया
दयाशंकर की पत्नी स्वाती सिंह ने मीडिया से कहा कि मायावती को दयाशंकर सिंह के परिवार की महिलाओं को विवाद में खींचने का अधिकार किसने दिया। तेतरा देवी व अन्य परिवारीजन काफी देर तक कोतवाल के कमरे में बैठे रहे। इस दौरान मीडियाकर्मी उन्हें घेरे हुए थे। दयाशंकर की मां व बहन ने यह सवाल भी उठाया कि जब वे राजनीति में नहीं हैं, तो उन्हें क्यों निशाना बनाया जा रहा है।
मुझे नहीं पता कहां हैं पति
स्वाती सिंह ने कहा उन्हें नहीं पता उनके पति कहां और किस हाल में हैं। मायावती सहित अन्य बसपा नेताओं के खिलाफ मुकदमे के बाबत स्वाती सिंह ने कहा कि कानून अपना काम करेगा। मुझे भरोसा है न्याय मिलेगा।
एससी/एसटी एक्ट हटाने की मांग
दयाशंकर के परिवारीजन ने उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे से एससी/एसटी एक्ट हटाने की भी मांग की है। उनका कहना है कि दयाशंकर ने कोई जातिसूचक शब्द नहीं कहा लिहाजा एससी/एसटी का कोई आधार नहीं है।
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