मायावती के लिए अमर्यादित टिप्पणी पर दयाशंकर सिंह भाजपा से हटाए गए
बसपा सुप्रीमो मायावती को लेकर एक आपत्तिजनक बयान देने वाले उत्तर प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह को पार्टी ने हटा दिया है।
लखनऊ (राज्य ब्यूरो) भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी में मंत्री पद से प्रोन्नत कर हाल में उपाध्यक्ष बनाए गये दयाशंकर सिंह को उनका बड़बोलापन भारी पड़ गया। दयाशंकर की बसपा सुप्रीमो मायावती के लिए असंसदीय, अमर्यादित और अशोभनीय टिप्पणी का संज्ञान लेते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने उनको पार्टी के सभी दायित्वों से हटा दिया है। उनको पार्टी से निष्कासित किये जाने पर भी विमर्श चल रहा है।
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मऊ में बसपा अध्यक्ष मायावती पर दयाशंकर की टिप्पणी आज वायरल हुई तो राजधानी में भूचाल आ गया। बसपा ने जहां गंभीर रुख अख्तियार किया वहीं बाकी राजनीतिक दलों से अलग आचरण-व्यवहार का दावा करने वाली भाजपा भी एक्शन में आ गयी। केशव मौर्य ने दयाशंकर के बयान की वीडियो क्लिप देखने के बाद उनको पार्टी के सभी दायित्वों से हटाते हुए उनके बयान की कड़ी निंदा की। केशव मौर्य ने उनके बयान के लिए खेद भी प्रकट किया। उन्होंने पार्टी के सभी पदाधिकारियों को निर्देश जारी कर संयत और मर्यादित भाषा के प्रयोग पर जोर दिया है।
विवेक श्रीवास्तव निष्कासित
बड़बोलेपन से भाजपा के लिए मुश्किल खड़ी करने वाले दयाशंकर अकेले नेता नहीं हैं। कभी केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति तो कभी रामशंकर कठेरिया तो कभी संगीत सोम अपने बयानों से पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी कर चुके हैं। भाजपा ने समय-समय पर इन नेताओं के बोलने पर नियंत्रण किया है। अभी कैराना पलायन के मामले में तो संगीत को यात्रा निकालने पर भाजपा को कठोर कदम उठाते हुए प्रतिबंध लगाना पड़ा था। भाजपा कार्यकर्ताओं के अनुशासनहीन आचरण को लेकर सतर्क हो गयी है। अभी हाल ही में संगठन से जुड़े एक महत्वपूर्ण पदाधिकारी के खिलाफ आरोप लगाने वाले किसान मोर्चा के पूर्व उपाध्यक्ष विवेक श्रीवास्तव की सदस्यता तत्काल प्रभाव से प्रदेश अध्यक्ष केशव मौर्य ने निरस्त कर दी है। उन्हें पार्टी से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया गया है।
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मायवती पर दयाशंकर का बयान
जो सपना काशीराम ने देखा था उस सपने को मायावती चूर-चूर कर रही हैं। मायावती को अपने बयान में नेता ने बद्तर चरित्र का बताया। दरअसल प्रदेश उपाध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद कल दयाशंकर सिंह मऊ पहुंचे थे यहां पार्टी कार्यालय में उनका स्वागत किया गया। कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के बाद वे पत्रकारों से रूबरू हुए और कहा कि हमारे प्रदेश अध्यक्ष ने विधानसभा चुनाव में 265 प्लस का नारा दिया है लेकिन जिस तरह से कार्यकर्ताओं में उत्साह है और जनता सड़कों पर आ रही है, उससे लगता है कि मऊ की चारों सीटें हम जीतेंगे और 300 सीटें क्रॉस करेंगे।
भाजपा की दलित जोड़ों मुहिम को झटका
भाजपा नेता दयाशंकर सिंह का पहले भी विवादों से नाता रहा है। भाजपा ने निरंतर दयाशंकर को महत्व दिया लेकिन अपने उग्र स्वभाव से वह पार्टी के लिए ही मुश्किल बनते रहे। भाजपा एक तरफ धम्म यात्रा और दलित महापुरुषों के प्रति श्रद्धावान होकर इस समाज को जोडऩे की मुहिम में लगी है और दूसरी तरफ दयाशंकर ने अभद्र टिप्पणी कर पार्टी की मुहिम को झटका दिया है।दयाशंकर लखनऊ विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष बनने के साथ ही भाजपा की राजनीति में सक्रिय हुए तो पार्टी ने भी उन्हें खूब आगे बढ़ाया। भाजयुमो की कमान सौंपने के साथ ही उनको कई मौकों पर महत्व दिया।
दयाशंकर ने सुस्त बसपा में फूंक दी जान
बलिया के मूल निवासी दयाशंकर को भाजपा में मंत्री बनाये जाने के साथ ही 2007 के विधान सभा चुनाव में बलिया से टिकट भी दिया। महज 6909 मत पाकर पांचवें स्थान पर रहने वाले दयाशंकर का महत्व फिर भी कम नहीं हुआ। विधान परिषद के चुनाव में नंबर गेम में पीछे रहने के बावजूद भाजपा ने दयाशंकर को दो बार मौका दिया। यह अलग बात है कि दोनों बार उन्हें पराजय मिली। जबसे उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू हुई तभी से पार्टी दलितों को जोडऩे में लगी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ में अंबेडकर के नाम पर कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया तो वाराणसी में संत रविदास के नाम पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने लखनऊ में दलितों के सम्मान और स्वाभिमान के नाम पर एक बड़े सम्मेलन में शिरकत की। इस समय भाजपा ने धम्म यात्रा का आयोजन कर दलित समाज के लिए एक नया माहौल भी बनाया। दयाशंकर के बड़बोलेपन से सुस्त पड़ी बसपा को भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलने का मौका मिल गया है। बसपा गुरुवार से प्रदेश व्यापी प्रदर्शन करने जा रही है। भाजपा ने डैमेज कंट्रोल के लिए अपने दलित नेताओं को सक्रिय किया है। भाजपा ने खुद दयाशंकर के कृत्य की निंदा की है और उन्हें सभी दायित्वों से मुक्त कर दिया है।
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