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    नगरीय निकायों में संविदा सफाई कर्मियों की भर्ती पर रोक लगी

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Sun, 01 Jan 2017 07:55 PM (IST)

    हाईकोर्ट के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने आज एक आदेश जारी कर करीब चालीस हजार भर्तियों पर रोक लगी दी है।

    लखनऊ (जेएनएन)। शहरों की सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए नगरीय निकायों (नगर निगम, नगर पालिका परिषद व नगर पंचायत) में संविदा पर सफाईकर्मियों की भर्ती की चल रही चयन प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है।इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच द्वारा भर्ती प्रक्रिया के संबंध में दायर याचिका (रिट याचिका संख्या-25403/2016 आशिफ खां बनाम स्टेट ऑफ यूपी व अन्य) पर 17 नवंबर को पारित आदेश के मद्देनजर राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से भर्ती प्रक्रिया को अगले आदेश तक स्थगित करने का फैसला किया है। इस संबंध में नगर विकास सचिव श्रीप्रकाश सिंह की ओर से स्थानीय निकाय निदेशक, मंडलायुक्त, जिलाधिकारी व नगर आयुक्तों को शासनादेश भेजा गया है। वैसे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर निकट भविष्य में आचार संहिता लग सकती है इसलिए सपा सरकार जल्द से जल्द हाईकोर्ट के स्टे को समाप्त कराने की कोशिश में जुटी है ताकि चुनाव से पहले भर्ती की प्रक्रिया को पूरा किया जा सके।

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    50 दिनों में होनी थी 40 हजार भर्तियां

    मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की घोषणा पर पिछले वर्ष चार जुलाई को अधिकतम 50 दिनों में संविदा पर 40 हजार सफाईकर्मियों की भर्ती का शासनादेश जारी किया था। आदेश के तहत चयन समिति के माध्यम से होने वाली सभी भर्तियों के नियुक्ति आदेश शासन की अनुमति से जारी होने थे। सफाईकर्मियों की भर्ती करने का विज्ञापन जिलेवार एक माह में जिलाधिकारियों व नगर आयुक्तों को अखबारों में प्रकाशित कराना था। विज्ञापन निकलने से अधिकतम 10 दिन में आवेदन करने व आवेदन की अंतिम तिथि से 10 दिन में चयन समिति को चयन प्रक्रिया पूरी कर चयनित अभ्यर्थियों की सूची शासन को भेजनी थी। शासन की अनुमति पर नगर निगमों के नगर आयुक्त व नगर पालिका परिषद-नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारी बतौर नियुक्ति प्राधिकारी नियुक्ति आदेश जारी करने थे। तय अवधि से तकरीबन चार माह गुजरने के बाद भी मात्र दो दर्जन निकाय ही अब तक प्रक्रिया पूरी कर सके हैं।

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