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    संतुलन साधने को उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द संभव

    By Ashish MishraEdited By:
    Updated: Wed, 14 Sep 2016 12:53 PM (IST)

    मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति अति पिछड़ी जाति के हैं जबकि राजकिशोर सिंह क्षत्रिय हैं। सपा इस लिहाज से भी संतुलन साधने की कोशिश करेगी।

    लखनऊ (जेएनएन)। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दो मंत्रियों की बर्खास्तगी की है और अभी एक-दो और उनके निशाने पर हैं। इस बीच कुछ नए चेहरों को भी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की बात चल पड़ी है। बर्खास्त किए गए मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति अति पिछड़ी जाति के हैं जबकि राजकिशोर सिंह क्षत्रिय हैं। सपा इस लिहाज से भी संतुलन साधने की कोशिश करेगी। इसके साथ जातीय संतुलन के लिए भी कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं।

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    विधानसभा चुनाव सामने है। अखिलेश यादव दोबारा सत्ता में लौटने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं। वह सरकार की छवि के साथ ही अपने इमेज को लेकर भी सतर्क हैं। मंत्रियों से लेकर नौकरशाही में अपनी मर्जी से फेरबदल कर वह विपक्ष का मुंह बंद करना चाहते हैं। विपक्ष ने लगातार कहा है कि उत्तर प्रदेश में साढ़े चार मुख्यमंत्री काम करते हैं। अखिलेश के सामने नई चुनौतियां भी हैं।

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    भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे होने और खराब छवि के बावजूद गायत्री प्रसाद प्रजापति और राजकिशोर सिंह वोट के समीकरण में सपा के लिए मुफीद रहे हैं। ऐसे में उन्हें किनारे करने से कहीं न कहीं गैप भरने की भी चुनौती है। चर्चा है कि अभी एक-दो और मंत्री बर्खास्त किए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री तीन से चार मंत्रियों को शपथ दिला सकते हैं। संकेत मिल रहे हैं कि कम से कम दो मंत्री अति पिछड़ी जाति के बनाए जा सकते हैं जबकि क्षत्रिय को भी मौका मिल सकता है। विस्तार में पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी उप्र दोनों को अवसर मिल सकता है।

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    अति पिछड़ी जातियों को जोडऩे की चलेगी मुहिम
    लोकसभा चुनाव से पहले सपा ने गायत्री प्रसाद प्रजापति को अति पिछड़ी जातियों को जोडऩे की मुहिम सौंपी। गायत्री के नेतृत्व में सपा की सामाजिक न्याय अधिकार यात्रा जिलों-जिलों में घूमी। यह सही है कि इस यात्रा का कोई असर नहीं हुआ और मुलायम परिवार के अलावा सपा लोकसभा की कोई सीट भी नहीं जीत सकी पर गायत्री का कद बढ़ गया। उन्हें स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री से प्रोन्नत कर कैबिनेट मंत्री बना दिया गया। तब सपा सरकार ने एक शासनादेश जारी कर कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिंद, भर, राजभर, धीमर, बाथम, तुरहा, गोडिय़ा, मांझी और मछुआ आदि जातियों को ग्राम्य विकास की योजनाओं में अनुसूचित जाति के समान लाभ देने की बात की।

    सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने गायत्री को आगे कर उनको इन जातियों के नेता के रूप में प्रस्तुत किया। जाहिर है कि गायत्री को साइड लाइन करने के बाद अब इन जातियों को जोडऩे की पहल नए सिरे से सपा करेगी। सपा ने लोकसभा चुनाव के दौरान भी एमएलसी नरेश उत्तम, राम आसरे विश्वकर्मा, राजपाल कश्यप, हीरा ठाकुर और राम सुंदर दास जैसे कुछ नेताओं को आगे किया था। अब इस चुनाव में इन नेताओं को आगे कर फिर से मुहिम शुरू करने की तैयारी है। सूत्रों की माने तो जल्द ही सामाजिक न्याय यात्रा की तारीख घोषित कर दी जाएगी।