सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड पर आजम खां समर्थकों का कब्जा
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आजम खां समर्थकों का कब्जा हो गया है। मुतवल्ली कोटे के एक प्रत्याशी के नाम वापस लेने के साथ ही तीनों श्रेणियों के सभी प्रत्याशी निर्वाचित घोषित कर दिये गये। अब सरकार बोर्ड में तीन व्यक्तियों को सदस्य नामित करेगी, जिसके बाद
लखनऊ। सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आजम खां समर्थकों का कब्जा हो गया है। मुतवल्ली कोटे के एक प्रत्याशी के नाम वापस लेने के साथ ही तीनों श्रेणियों के सभी प्रत्याशी निर्वाचित घोषित कर दिये गये। अब सरकार बोर्ड में तीन व्यक्तियों को सदस्य नामित करेगी, जिसके बाद अध्यक्ष पद का चुनाव होगा। जुफर फारूकी का दूसरी बार अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है। उन्हें मंत्री आजम खां के करीबियों में शुमार किया जाता है।
उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चुनाव में संसद कोटे के दो पदों के सापेक्ष मंत्री आजम खां की पत्नी और राज्यसभा सदस्य डा. तजीन फातिमा और आजम के ही करीबी राज्यसभा सदस्य मुनव्वर सलीम ने पर्चा दाखिल किया था। विधानमंडल कोटे के दो पदों के सापेक्ष विधायक अबरार अहमद और चौधरी फसीहा बशीर उर्फ गजाला लारी ने पर्चा दाखिल किया था। दोनों पदों पर निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया था, मुतवल्ली कोटे के दो पदों के सापेक्ष तीन पदों के लिए बोर्ड के मौजूदा अध्यक्ष जुफर फारूकी, अदनान फर्रुख शाह और अकील अहमद ने पर्चा दाखिल किया था। इन तीनों को भी आजम का करीबी माना जाता है। सोमवार को एक सदस्य ने नाम वापस ले लिया। ऐसे में तीन वर्गों के प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो गये। बार काउंसिल कोटे से नामांकन ही नहीं किया गया था। अब सरकार बोर्ड में तीन सदस्यों को नामित करेगी, जिसके बाद अध्यक्ष का चुनाव होगा। मौजूदा अध्यक्ष का कार्यकाल 11 अप्रैल को खत्म हो रहा है, ऐसे में 10 अप्रैल तक नये बोर्ड के गठन की उम्मीद जतायी जा रही है।
ये होते हैं बोर्ड में सदस्य
सुन्नी वक्फ संपत्तियों की देखरेख, उच्चीकरण और विवाद सुलझाने के लिए गठित उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में 11 सदस्य हैं जिन्हें तीन वर्गो में बांटा गया है। दो पद राज्य के सुन्नी मुस्लिम सांसदों, दो पद सुन्नी मुस्लिम विधायकऔर दो पद एक लाख रुपये की सालाना आय वाली वक्फ सम्पत्तियों के मुतवल्लियों के लिए आरक्षित हैं। इसके अलावा राज्य बार काउंसिल के सदस्यों में सेदो सुन्नी मुस्लिम सदस्य भी निर्वाचित किये जाते हैं। तीन सदस्य राज्य सरकार नामित करती हैं। ये सदस्य ही बोर्ड के अध्यक्ष का चुनाव करते हैं।