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    आइआइटी कानपुर में संस्कृत की पढ़ाई को हरी झंडी

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Thu, 06 Oct 2016 12:39 PM (IST)

    मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने आइआइटी प्रशासन को संस्कृत की पढ़ाई कराने का प्रस्ताव भेजा था। इस विषय को यहां ह्यूमिनिटीज में शामिल करने पर सहमति बन गई है।

    कानपुर (जेएनएन)। आइआइटी में संस्कृत की पढ़ाई को हरी झंडी मिल गई है। संस्कृत के श्लोकों पर शोध किया जाएगा। आइआइटी में हुई सीनेट की बैठक में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के प्रस्ताव को प्रमुख रूप से शामिल किया गया था।

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    श्लोकों पर शोध करने के लिए आइआइटी प्रशासन जल्द ही खाका तैयार करेगा। इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षकों की नियुक्ति व प्रयोगात्मक अध्ययन प्रमुख रूप से शामिल किया जाएगा।

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    बीते दिनों मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने आइआइटी प्रशासन को संस्कृत की पढ़ाई कराने का प्रस्ताव भेजा था। इस विषय को यहां ह्यूमिनिटीज में शामिल करने पर सहमति बन गई है। बैठक में इस बात पर विशेष रूप से चर्चा की गई कि संस्कृत के श्लोकों में छिपे तकनीकी ज्ञान पर शोध करने के लिए विशेषज्ञ तलाशना आसान नहीं होगा क्योंकि यहां पर जो भी कोर्स संचालित हैं उसे बेहतरीन बनाने की दिशा में लगातार काम किया जाता है। संस्कृत विषय की भी अब आइआइटी कानपुर में विश्वस्तरीय शिक्षा दी जाएगी।

    बीटेक के कोर्स में बदलाव

    आइआइटी प्रशासन ने बीटेक के कोर्स में आंशिक बदलाव किया है। इसके लिए नियमावली बनाई जाएगी। आइआइटी प्रशासन जल्द ही छात्रों को इसकी सूचना दे देगा।

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    वहीं ब्रांच में बदलाव के नियमों में फेरबदल करते हुए तब तक छात्र को ब्रांच बदलने की स्वीकृति नहीं दी जाएगी जब तक उसकी खाली सीट पर प्रवेश के लिए आवेदन नहीं आ जाता। किसी भी सूरत में सीटें खाली नहीं रहेंगी।

    फीस न जमा करने पर छात्र टर्मिनेट

    बैठक में बीटेक के एक छात्र को टर्मिनेट करने फैसला भी किया गया।

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    इस छात्र ने जेईई की काउंसिलिंग में भाग लेकर आइआइटी में प्रवेश तो लिया था लेकिन फीस अभी तक जमा नहीं की थी। छात्र को अधिकतम मौके दिए गए लेकिन जब उसने इसके बाद भी फीस जमा नहीं की।