ग्रामीण बैंक अब होंगे बैंक आफ आर्यावर्त
ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यावर्त में किया गया तब्दील
पीके पटनायक को बनाया गया नया चेयरमैन
हाथरस : वित्त मंत्रालय के द्वारा श्रेयस ग्रामीण बैंक को ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यावर्त में विलय कर दिया है। इसके प्रवर्तक बैंक को भी बदल कर केनरा बैंक से बैंक ऑफ इंडिया कर दिया है। बैंक का मुख्यालय भी अब अलीगढ़ के बजाय लखनऊ होगा। क्षेत्र के सात जिले में फैले श्रेयस ग्रामीण बैंक का कार्यक्षेत्र अब पंद्रह जिले में होगा। श्रेयस ग्रामीण बैंक का कुल 199 शाखाएं हैं जिनमें से 36 हाथरस में स्थित है। आर्यावर्त ग्रामीण बैंक के नए चेयरमैन पीके पटनायक को बनाया गया है। बैंक के बदलाव से उपभोक्ताओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्हें वे सभी सुविधाएं मुहैया होंगी जो पहले प्राप्त होती थीं। उधर बलिया इटावा ग्रामीण बैंक को भी पूर्वाचल ग्रामीण बैंक में विलय कर दिया गया है।
कार्य की गुणवत्ता व कार्यक्षेत्र को बढ़ाने के लिए भारत सरकार के वित्त मंत्रालय की तरफ से क्षेत्रीय बैंकों को विलय करने का निर्णय लिया गया था जिसमें श्रेयस ग्रामीण बैंक और आर्यावर्त क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को मर्ज कर के ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यावर्त कर दिया गया है। इससे बैंक का आठ अन्य जिले में भी विस्तार हो गया है। क्षेत्र के ग्रामीण बैंक को चलाने के लिए एक राष्ट्रीय बैक को प्रवर्तन बैंक के रूप में कार्य करना पड़ता है। जिसके रूप में श्रेयस ग्रामीण बैंक को केनरा बैंक स्पांसर करता था, लेकिन अब इस बैंक को बैंक ऑफ इंडिया स्पान्सर करेगा। इसके लिए बैंक ऑफ इंडिया ने 35 प्रतिशत पूंजी केनरा बैंक को वापस कर दी है।
श्रेयस ग्रामीण बैक का आर्यावर्त ग्रामीण बैंक में विलय हो जाने के बाद से उपभोक्ताओं पर कोई असार नहीं पड़ेगा। इसे वित्त मंत्रालय के द्वारा जारी आदेश में भी दर्शाया गया है। मंत्रालय के द्वारा जारी आदेश में यह बताया गया है कि उपभोक्ताओं के कांट्रेक्ट, लीगल डाक्यूमेंट, बांड, पॉवर ऑफ एटानी आदि चीजों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
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इन जिलों में थी श्रेयस ग्रामीण बैंक
हाथरस, अलीगढ़, फिरोजाबाद, मथुरा, आगरा, एटा और कासगंज।
इन जिलो में बैंक का हुआ विस्तार
लखनऊ, हरदोई, उन्नाव, बाराबंकी, फैजाबाद, फर्रुखाबाद, कन्नौज और मैनपुरी।
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