रियो ओलंपिक में चमकेगी गोरखपुर की प्रीति
गोरखपुर : अगस्त में होने वाले रियो ओलंपिक में गोरखपुर की प्रीति दुबे के हॉकी की स्टिक का जादू चलेगा
गोरखपुर : अगस्त में होने वाले रियो ओलंपिक में गोरखपुर की प्रीति दुबे के हॉकी की स्टिक का जादू चलेगा। प्रीति का चयन ओलंपिक में खेलने वाली भारतीय महिला हाकी टीम के फारवर्ड खिलाड़ी के रूप में किया गया है। 1964 में एमएस अली सईद, 1980 में प्रेम माया के बाद 2016 में गोरखपुर की हॉकी एक बार फिर ओलंपिक में जलवा दिखाएगी।
खजनी बाजार के भेउसा निवासी अवधेश कुमार दुबे व मिथिलेश दुबे की पुत्री प्रीति का लगाव शुरू से ही हॉकी से रहा। रेलकर्मी दुबे का परिवार शहर के बौलिया रेलवे कॉलोनी में रहता है। शहर के प्राइमरी विद्यालय में कक्षा पांच तक शिक्षा ग्रहण करने के बाद प्रीति ने छठवीं से आठवीं तक वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कालेज में हॉकी का ककहरा सीखा। इसके बाद वे ग्वालियर की महिला एकेडमी में चली गईं और अपने खेल में जमकर निखार लाया।
बचपन से ही हॉकी से लगाव रखने वाली प्रीति 2014 में भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम की सदस्य बनीं। इसके बाद नवंबर में उन्हें सीनियर टीम में चुना गया। गुवाहाटी में हुए साउथ एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक विजेता टीम की सदस्य रहीं। चीन में 2015 में हुए सातवें जूनियर एशिया कप आदि में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया। साउथ एशियन गेम्स में नेपाल के खिलाफ पहला गोल दागने पर उन्हें एक लाख रुपये का विशेष पुरस्कार मिला। साथ ही वे अर्जेटीना, नीदरलैंड, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, चीन, आस्ट्रेलिया आदि देशों में भारतीय टीम की तरफ से प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।
दैनिक जागरण से हुई बातचीत में प्रीति ने इसे सपना सच होना करार दिया। कहा कि हर मां-पिता का सपना होता है कि उनके बच्चे पढ़ लिख कर कुछ करें, लेकिन मैं हमेशा खेल से नाम कमाना चाहती थी, फिर भी मेरे मां-पिता ने कभी रोका नहीं। मेरा सपना सच हो गया। सफलता का श्रेय कोच अनीता सिंह, शशि सिंह व शशि नैवेद्य को दिया।
------------------------
अपकमिंग अवार्ड ऑफ द ईयर से हो चुकी हैं सम्मानित
प्रीति दुबे को हाल में ही अपकमिंग अवार्ड ऑफ द ईयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मार्च में हॉकी इंडिया ने प्रीति को बतौर पुरस्कार ट्रॉफी व 10 लाख रुपये प्रदान किया।