फौजी के हत्यारे नहीं चढ़े पुलिस के हत्थे
गहमर (गाजीपुर): फौजी अजय सिंह की हत्या के बाद खेमाराय पट्टी पुलिस छावनी में तब्दील हो गई है। चार थानों की पुलिस व पीएसी के जवान गांव में गश्त कर रहें है। दूसरे दिन भी फौजी के हत्यारे पुलिस पकड़ से बाहर रहे। अलबत्ता गंगा के तट पर पुलिस को एक लावारिस बाइक मिली। कयास लगाया जा रहा है कि हत्या के बाद आरोपी बाइक से भागे हैं।
गुरुवार की देर रात पुलिस ने मृतक के भाई दिग्विजय सिंह की तहरीर पर पूर्व फौजी ध्रुव सिंह व उसके दो फौजी पुत्र अखिलेश, राकेश तथा विमलेश व संतोष के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज कर आरोपियों के घर दबिश दी लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा।
सेना के बंगाल इंजीनियरिंग में अजय हवलदार के पद पर तैनात था। अपनी चचेरी बहन अर्चना, जिसकी शादी 29 अप्रैल को होनी है, उसमें शरीक होने के लिए आया था। आरोपी पट्टीदारों से उसका कोई विवाद नहीं था। अजय का कसूर बस इतना था कि उसने घर आते समय ध्रुव सिंह को शराब पीने से मना किया था। इसी को लेकर अजय और ध्रुव में कहासुनी हुई। लोगों ने बीच बचाव कर मामले को शांत कर दिया। यह बात ध्रुव को नागवार लगी और अपने पुत्रों संग अजय की हत्या कर दी। बीचबचाव के लिए आए अजय के चाचा शिवशंकर व भाई दिग्विजय को भी मारे पीटे। थानाध्यक्ष रामनिहोर मिश्र ने बताया कि एक नाइन एमएम की पिस्टल दो जिंदा कारतूस और एक खाली खोखा बरामद हुआ था। गंगा के तट से एक पल्सर बाइक मिली है।
तीन गोली लगी थी अजय को
अजय को तीन गोलियां मारी गई थी। दो सीने और एक दाहिने हाथ में लगी थी। इस बात का खुलासा शुक्रवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ। उसका फेफड़ा छलनी हो गया था। उसकी मौत का कारण भी यही बना। चिकित्सकों के मुताबिक उसकी मौत गोली लगने के तत्काल बाद हो गई थी।
पुलिस टीम बिहार रवाना
फौजी अजय के हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए तीन टीमें बनाई गई हैं। अपर पुलिस अधीक्षक ग्रमीण बबलू कुमार ने बताया कि जमानियां, दिलदारनगर, सुहवल के थानाध्यक्षों को टीम में शामिल किया गया है। सीओ मुकेशचंद्र के नेतृत्व में गुरुवार की रात दो स्थानों पर छापेमारी की गई। अगले दिन पुलिस टीम बिहार रवाना हो गई। आरोपी संभवत अपनी रिश्तेदारी में छिपे हैं। एक-दो दिन के भीतर उनकी गिरफ्तारी हो जाएगी।
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