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    आतंक का पर्याय बने डकैत ललित ने तीन लोगों को जिंदा जलाया

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Wed, 05 Jul 2017 03:46 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में आतंक का पर्याय बन रहे तीस हजार के इनामी डकैत ललित पटेल ने मुखबिरी के शक में तीन लोगों को जिंदा फूंक दिया। ...और पढ़ें

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    आतंक का पर्याय बने डकैत ललित ने तीन लोगों को जिंदा जलाया

    चित्रकूट (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में आतंक का पर्याय बन रहे तीस हजार के इनामी डकैत ललित पटेल ने मुखबिरी के शक में तीन लोगों को जिंदा फूंक दिया। पुलिस को कोल्हुआ जंगल में तीनों के कंकाल मिले हैं। उनकी पहचान नहीं हो सकी है। लेकिन, परिवारीजन अपनों को खोने का दावा कर रहे हैं। जिनका 30 जून को डकैत ललित पटेल ने मध्य प्रदेश से अपहरण किया था। डीआइजी व एसपी ने सभी कंकालों के डीएनए जांच कराने की बात कही है। कोल्हुआ जंगल में कुछ जले शव पड़े हैं। रात में पुलिस जंगल तो गई लेकिन शव नहीं मिले तो वह लौट आई। मंगलवार की सुबह पुलिस टीमें फिर से जंगल में शवों की तलाश में जुट गई। करीब दो तीन घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस को मध्य प्रदेश की सीमा के नजदीक तीन राख के ढेर दिखे। जहां कुछ कंकाल भर थे।

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    मृतकों की संभावित शिनाख्त

    घटनास्थल पर पहुंचे पप्पू यादव निवासी ग्राम थर पहाड़ थाना नयागांव एमपी ने एक नरमुंड को अपने भाई मुन्ना यादव का बताया है। जिसको 30 जून की सुबह घर से डकैत ललित पटेल के साथी बुलाकर ले गए थे। दूसरे अवशेष को नत्थू प्रसाद निवासी टेढ़ी थाना नयागांव ने अपने चचेरे भाई रामदास का होने की आशंका जताई है। इसकी गुमशुदगी सोमवार को नयागांव थाना में दर्ज कराई गई थी। तीसरे अवशेष को इन्द्रपाल यादव निवासी पथरा थाना नयागांव का होने की आशंका जताई जा रही है। एसपी प्रताप गोपेंद्र ने बताया कि घटनास्थल से ऐसे कोई भी प्रमाणिक साक्ष्य उपलब्ध नहीं हो सके, जिसके आधार पर परिवारीजन की शिनाख्त पर विश्वास किया जा सके। इसलिए सभी नरमुंड की डीएनए जांच कराई जाएगी।

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