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    15-40 वर्ष की अवस्था में चाहे तो विकास कर लो या विनाश

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    Updated: Tue, 19 Feb 2013 12:09 AM (IST)

    चित्रकूट, जागरण संवाददाता : स्वामी विवेकानंद जी का शा‌र्द्ध शती समारोह सोमवार को विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं मे मनाया गया। छात्र-छात्राओं ने सामूहिक रूप से सूर्य नमस्कार किया। इस दौरान गोष्ठी का भी आयोजन हुआ।

    चित्रकूट इंटर कालेज कर्वी में आयोजित गोष्ठी में विकलांग विश्वविद्यालय के कुलाधिपति स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी को रामकृष्ण परमहंस की छाया व कृपा मिली थी। उन्होंने अपनी विद्वता से पूरे विश्व को भारत माता के चरणों में झुका दिया था। यह असंभव कार्य युवक नरेंद्र ने ही किया था। जो बाद में विवेकानंद बने। उन्होंने कहा कि 15 से 40 वर्ष की अवस्था ऐसे होती है कि चाहे तो विकास कर लो नहीं तो फिर विनाश होना ही है। जगतगुरु ने युवा व युवक का अंतर बताते हुए कहा कि जिस पर भगवान की कृपा होती है वह युवक होता है। उन्होंने आज कल के युवकों के गिरते चरित्र पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज के युवकों के चेहरों में बारह बजे रहते हैं गाल चिपके रहते हैं जबकि युवाओं को विवेकानंद जैसा तेजवान होना चाहिए। राजनीतिज्ञों पर प्रहार करते हुए कहा कि आज युवाओं के कंधा में बंदूक रखकर नेता अपना स्वार्थ सिद्ध करते हैं। इस मौके पर विकलांग विवि के कुलपति प्रो. बी पांडेय, सीआईसी के प्रधानाचार्य डा. रणवीर सिंह चौहान, रमेश चंद्र, चंद्र प्रकाश खरे, लवकुश चतुर्वेदी, भालेंदु सिंह, फूलचंद्र चंद्रवंशी, रामरतन प्रजापति, नंद किशोर तिवारी, शंकर यादव, रामवचन सिंह, अजय शर्मा, विनय त्रिपाठी, श्रीनिवास त्रिपाठी, ऋषि कुमार शुक्ला, अवधेश त्रिपाठी और कुंवर प्रताप सिंह आदि मौजूद रहें।

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