बीएसएफ परीक्षा में पकड़ा गया सॉल्वर
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जागरण संवाददाता, बरेली : कड़ी सुरक्षा होने के बावजूद बीएसफ की परीक्षा में सेंधमारी हो ही गई। रविवार को आयोजित हुई बीएसएफ की लिखित परीक्षा के दौरान बरेली कॉलेज के परीक्षा केंद्र पर मथुरा का सॉल्वर पकड़ा गया। सॉल्वर पकड़े जाने की सूचना पर बरेली कॉलेज में बनाए गए परीक्षा केंद्रों पर हड़कंप मच गया। तुरंत ही अन्य परीक्षार्थियों के परिचय पत्र गहनता से चेक किए गए। सॉल्वर पकड़े जाने पर उसकी बुकलेट तुरंत जमा करा ली गई। सेंटर इंचार्ज और बीएसफ ने जब पूछताछ की तो उसने अभ्यर्थी से जुड़ी सारी जानकारी बड़ी चतुराई से बता दी, लेकिन कड़ाई से पूछताछ किए जाने पर उसने सारी सच्चाई उगल दी। परीक्षा समाप्त होने के बाद पुलिस बुलाकर केंद्र प्रभारी डॉ.नसीम अख्तर ने मामला दर्ज कराया। पुलिस ने मामला दर्ज कर उसे हिरासत में लिया।
मुखबिर ने सॉल्वर की खोली पोल
सॉल्वर विवेक गोधर निवासी गांव हर गोविंद थाना राया मथुरा अपने दोस्त धर्मेद्र सिंह निवासी गांव इटौली थाना राया मथुरा के स्थान पर बीएसएफ की परीक्षा देने आया था। धर्मेद्र ने अपने आवेदन फॉर्म पर अपना जो फोटो लगाया था वह विवेक की फोटो से काफी मिलता-जुलता था। शनिवार रात को वह दोनों मथुरा से बस से बरेली पहुंचे। सुबह होते ही दोनों बरेली कॉलेज परीक्षा केंद्र देखने पहुंचे और काफी देर परीक्षा केंद्र पर ही रहे। परीक्षा दोपहर डेढ़ बजे होनी थी। परीक्षा का समय आया तो विवेक परीक्षा देने पहुंच गया और धर्मेद्र बाहर ही रुक गया। वैसे मामला नहीं खुलता, लेकिन एक मुखबिर ने उसकी जानकारी एक अनजान लड़के के माध्यम से परीक्षा केंद्र प्रभारी तक पहुंचा दी। पत्र में उसने स्पष्ट लिख दिया कि रोल नंबर 114212002117 पर सॉल्वर परीक्षा दे रहा है। सुरक्षा कर्मी के माध्यम से सूचना केंद्र प्रभारी तक पहुंची तो केंद्र पर हड़कंप मच गया। कमरा नंबर 114 में केंद्र प्रभारी नसीम अख्तर बीएसफ के पीठासीन अधिकारी एके सिंह ने बताए गए रोल नंबर के अभ्यर्थी से पूछताछ की तो सॉल्वर ने आरोप को खारिज कर दिया और कहा वह अपने नाम से ही परीक्षा दे रहा है। अभ्यर्थी की जन्मतिथि से लेकर उसका पता व अन्य जानकारी उसने रट रखी थी। चूंकि सूचना पुख्ता थी तो उससे कड़ाई से पूछताछ की गई तब जाकर मामला खुला और सॉल्वर ने सारी सच्चाई उगल दी। हालांकि जिसकी जगह वह परीक्षा दे रहा था उसका कोई पता नहीं चला। परीक्षा के बाद उस पर मामला दर्ज कराया गया।
कॉलेज और पीठासीन अधिकारी ने बचाया अपना दामन
सॉल्वर पकड़े जाने की सूचना फैलते ही कॉलेज में हड़कंप मच गया। बीएसफ के अलावा बरेली कॉलेज में सिविल परीक्षा का भी केंद्र था। मामला पकड़े जाने पर सूचना चीफ प्रॉक्टर डॉ.अजय शर्मा को दी गई। वह केंद्र पर जरूर पहुंचे लेकिन मामले से किनारा कर लिया। उनका कहना था कि कि वह चीफ प्रॉक्टर कॉलेज के हैं न कि किसी बाहरी परीक्षा के। उसके बाद बीएसफ के पीठासीन अधिकारी ने अपना दामन बचाने की कोशिश की। वह तो मामले की रिपोर्ट तक दर्ज कराने से बचते नजर आए। बाद में मामले की रिपोर्ट केंद्र प्रभारी डॉ.नसीम अख्तर ने दर्ज कराई।
बीएसएफ ने प्रशासन की बताई जिम्मेदारी
बीएसएफ के पीठासीन अधिकारी एके सिंह से जब पूछा गया कि मामले को लेकर बीएसएफ की क्या जिम्मेदारी बनती है तो उन्होंने इसका जिम्मेदार प्रशासन को बताया। कहा कि परीक्षा जिला प्रशासन आयोजित कर रहा है। इसमें बीएसफ की बहुत अधिक भूमिका नहीं है, जबकि एडीएम सिटी आरपी सिंह से बात हुई तो उनका कहना था कि बीएसफ की परीक्षा में प्रशासन को बहुत अधिक भूमिका नहीं रहती। वह स्वयं कॉलेज से संपर्क कर सेंटर बनाते हैं और परीक्षा अपनी निगरानी में कराते हैं, सुविधा उपलब्ध कराने को लिए जिला प्रशासन जिम्मेदार रहता है।

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