तलाक पीडि़त मुस्लिम महिलाओं ने दीं हवन में आहुतियां
मुस्लिम महिलाओं ने हिंदू महासभा कार्यालय में संपन्न हवन में आहुतियां दीं और तीन तलाक के खिलाफ आवाज और ज्यादा बुलंद करने का संकल्प भी लिया ।
अलीगढ़ (जेएनएन)। तीन तलाक का मुद्दा अलीगढ़ में गरमाता जा रहा है। गुरुवार को तीन तलाक मिलने के बाद वर्षों से न्याय के लिए भटक रहीं दो मुस्लिम महिलाओं ने अखिल भारत हिंदू महासभा के कार्यालय में संपन्न हुए हवन में न केवल आहुतियां दीं बल्कि संकल्प भी लिया कि तीन तलाक के खिलाफ आवाज और ज्यादा बुलंद करेंगी। किसी भी महिला का शोषण नहीं होने देंगी। हलाला को महिलाओं के आत्मसम्मान की हत्या बताते हुए इन्होंने कहा कि इसमें जबर्दस्त शोषण होता है। उसके बाद भी गारंटी नहीं कि हलाला से निकली महिला का पति उसे स्वीकार कर ही ले।
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नौरंगाबाद बीदास कंपाउंड स्थित अखिल भारत हिंदू महासभा के कार्यालय पर महासभा के स्थापना दिवस पर नारी उत्थान कार्यक्रम में महंत डॉ. पूजा शकुन पांडेय के नेतृत्व में हवन किया गया। यहां धौर्रामाफी की फैजा व टप्पल की सलमा भी पहुंचीं। तलाक पीडि़त दोनों महिलाओं ने हवन में आहुतियां दीं। मायके के कुछ लोग भी इनके साथ रहे। फैजा ने बताया कि पति ने 17 साल पहले तीन तलाक दे दिया था। तीन छोटी बेटियों की वे किसी तरह गुजर बसर कर रही हैं। टप्पल की सलमा ने बताया कि तलाक के बाद मायके वालों ने भी साथ छोड़ दिया। दो बेटियों के साथ वह संघर्ष कर रही है। तीन तलाक पर पाबंदी लगनी चाहिए। डॉ. पूजा शकुन पांडेय ने कहा कि तलाक पीडि़त मुस्लिम महिलाओं को न्याय नहीं मिल पा रहा है तो वे धर्म परिवर्तन करें, उन्हें पूरा संरक्षण व सुरक्षा दी जाएगी। फैजा व सलमा के परिजनों ने कहा कि समाज ने अगर उनकी मदद की होती हमें यहां नहीं आना पड़ता।
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