नोटबंदी के बाद आगरा परिक्षेत्र के 25000 लोगों को आयकर नोटिस
नोटबंदी के बाद जमकर खर्च करने वाले आयकर स्कैनर पर आ गए हैं। विभाग ने आगरा परिक्षेत्र में ऐसे 25 हजार लोगों को नोटिस जारी कर आय का स्रोत पूछा है।
आगरा (जेएनएन)। नोटबंदी के बाद कालेधन से जमकर खर्च करने वाले आयकर स्कैनर पर आ गए हैं। विभाग ने आगरा परिक्षेत्र में ऐसे 25 हजार लोगों को नोटिस जारी किए हैं। उनसे आय का स्रोत पूछा है। इनमें बड़ी संख्या में तो आभूषण और गाडिय़ां खरीदने वाले हैं। आयकर विभाग की ओर से आधे से ज्यादा नोटिस केवल आगरा के लोगों को भेजे गए हैं।
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विमुद्रीकरण के बाद पुराने नोटों से लोगों ने जमकर खरीद की थी। इनका रिकॉर्ड पता कर आगरा आयकर परिक्षेत्र में ऐसे 25 हजार लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक नोटबंदी के बाद से बीते एक माह में इन लोगों ने सबसे ज्यादा खर्च सोना, रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल सेक्टर और इलेक्ट्रॉनिक आइटम पर किया है। इनमें करीब 100 करोड़ रुपये के आसपास निवेश या खर्च हुआ है।एक लाख रुपये से ऊपर की महंगी बाइक और 10 लाख रुपये से ऊपर की कार की खरीद करने वाले खासतौर पर आयकर के जाल में फंसने वाले हैं। सूत्रों के अनुसार ऑटोमोबाइल सेक्टर के डाटा से पता चला है कि इस दौरान इतनी कीमत के 100-150 वाहन खरीदे गए हैं। इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर का भी कुछ यही हाल है। एक लाख रुपये से ऊपर के एलईडी की बिक्री में भी आठ नवंबर के बाद कई दिन अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई। सराफा बाजार भले अब पस्त पड़ गया हो, लेकिन नोटबंदी के शुरुआती 10 दिन तक अनाप-शनाप तरीके से आभूषणों में निवेश हुआ। सूत्रों के मुताबिक करीब 10 करोड़ रुपये सोने में खपाया जा चुका है।
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इधर, करीब 200 संदिग्ध खातेदार भी विभाग के रडार पर हैं। इन खातों में मुश्किल से छोटे-मोटे ट्रांजेक्शन होते थे, अब उनका तेजी से ऑपरेट होना विभाग को चौंका रहा है। इन खातों में 10 लाख रुपये से ऊपर की जमा-निकासी हुई है। इसमें चालू खाते भी शामिल हैं। वहीं करीब 50 खाते तो नोटबंदी के बाद खुले हैं। आगरा आयकर परिक्षेत्र में आगरा के अलावा मथुरा, मैनपुरी, फीरोजाबाद, झांसी, ललितपुर और इटावा जिले आते हैं।
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