Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारत का सबसे साफ-सुथरा शहर, यहां कूड़ा बेचकर कमाई करते हैं लोग

    By Babita KashyapEdited By:
    Updated: Fri, 18 Aug 2017 11:18 AM (IST)

    भारत में ही एक शहर ऐसा भी हे जो जिसे भारत का सबसे साफ सुथरा शहर घोषित किया गया है। जी हां, ये शहर है मैसूर।

    भारत का सबसे साफ-सुथरा शहर, यहां कूड़ा बेचकर कमाई करते हैं लोग

    वोट बटोरने के लिये सफाई का मुद्दा तो हर नेता छेड़ रहा है लेकिन जहां बात इस मुद्दे को अमल में लाने की होती है तो अच्छे-अच्छे के पसीने छूट जाते हैं। हर जगह लगे गंदगी के ढ़ेर इसका जीता जागता उदाहरण है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी की भारत में ही एक शहर ऐसा भी हे जो जिसे भारत का सबसे साफ सुथरा शहर घोषित किया गया है। जी हां, ये शहर है मैसूर। इस हकीकत से तो हर कोई वाकिफ है कि कोई भी काम तभी सफल हो सकता है जब उसमें सभी का योगदान हो। इस मामले में मैसूर के लोग वाकई तारीफ के काबिल हैं। इनाडुइंडिया के अनुसार मैसूर के शहर कुंबर कोप्पल में अपने शहर को साफ रखने के साथ-साथ कूड़े से कमाई भी कर रहे हैं। कुंबर कोप्पल के नागरिक कार्यकर्ता जीरो वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की देखरेख करते हैं। यहां तक कि मैसूर के इस छोटे से कस्बे में कूड़े-कचरे से होने वाली आय ही उनकी कमाई का मुख्य साधन है।

    कुंबर कोप्पल में प्रतिदिन 200 घरों से कूड़ा-कचरा इकट्ठा कर गीला और सूखा कचरा अलग-अलग जमा किया जाता है। इस कचरे का 95 प्रतिशत हिस्सा भेज दिया जाता है। फिर इसे वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में भेज दिया जाता है जहां प्रतिदिन पांच टन कचरे से खाद तैयार की जाती है।

    इसी प्रकार इकट्ठे किये गये गीले कचरे से कंपोस्ट में बदल दिया जाता है, जिसे किसानों को उर्वरक के रूप में बेचा जाता है। वहीं सूखा कचरा प्लास्टिक और मैटल के सामान को इकट्ठा कर बेच दिया जाता है। इससे प्राप्त आय को साफ सफाई में लगे कार्यकर्ताओं के बीच बांट दिया जाता है। आय के अलावा इन कार्यकर्ताओं को इस कार्य के बदले आवास और स्वास्थ्य सुविधाएं भी प्रदान की जाती है। इसके साथ ही इस कमाई के एक हिस्से को जीरो वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की मैंटेनेंस के लिये खर्च किया जाता है।

    मैसूर को सुंदर और साफ सुथरा बनाने में यहां कि 'स्त्री शक्ति' का महत्वपूर्ण योगदान है। यह यहां रहने वाली महिलाओं का समूह है जो हर घर से कूड़ा कचरा एकत्रित करता है और वहां के लोगों को स्वच्छता के लिये जागरूक भी करता है। ध्यान देने योग्य बात ये है कि यहां रहने वाला प्रत्येक नागरिक सफाई का बहुत ध्यान रखता है इसलिये मैसूर का नाम सबसे स्वच्छ शहरों में आता है।

    मैसूर के कुंबर कोप्पल एक ऐसा उदाहरण है जो कहता है कि एक छोटा सा प्रयास बहुत कुछ बदल सकता है। जरूरत है तो बस जागरूक होने की।

    READ: ये है दुनिया का सबसे ऊंचा गांव, जानिये क्या है यहां कि खासियत

    इस गांव में लड़कियां नही लड़कों को माना जाता है दुर्भाग्यशाली