तो इस वीकेंड दिल्ली का कौन-सा Haunted Place देखना चाहेंगे आप
ये हैं दिल्ली के हॉन्टेड प्लेस, तो क्या इस वीकेंड यहां जाना का बन सकता है प्लान....
आपने अभी तक बहुत से डरावने भुतहा स्थानों के बारे में तो सुना ही होगा, लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि दिल्ली में भी ऐसे बहुत से हॉन्टेड प्लेस हैं। अगर आप भी निडर और बहादुर हैं तो क्यों न इस वीकेंड हो जाये इन हॉन्टेड प्लेस की सैर, आइडिया बुरा नही हैं क्यों.......
1. दिल्ली कैंट
आर्मी की मौजूदगी की वजह से इसे दिल्ली के सबसे सुरक्षित इलाकों में शुमार किया जाता है। यह पूरा इलाका एक छोटे से जंगल की तरह दिखाई देता है जिसमे चारों तरफ हरे भरे पेड़ है। मगर सब कुछ इतना भी ठीक नहीं है जितना प्रचारित किया जाता है। कहा जाता है कि यहां सफेद लिबास में एक डरावनी बुजुर्ग महिला लोगों से लिफ्ट मांगती है, अगर आप आगे निकल जाते हैं तो यह महिला कार के जितना तेज भाग कर पीछा करती है। बहुत से लोगों ने उसको देखे जाने की पुष्टि भी की है। हालांकि आज तक किसी इंसान को नुक्सान पहुचाने की कोई खबर नहीं है।
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2. द्वारका (सेक्टर-9), मेट्रो स्टेशन, द्वारका
नाइट शिफ्ट में काम करने वाले कॉल सेंटर के लोगों की शिकायत है कि इस इलाके मे लोगों को थप्पड़ पड़ते हैं। साथ ही वे बताते हैं कि उनके कैब के आगे एक औरत आ जाती है जो तेज रफ्तार से आगे-आगे दौडऩे के बाद गायब हो जाती है। अब इसे जानने के बाद, शायद आप इस इलाके में तेज नहीं चलेंगे।
3. हाउस नम्बर W -3, ग्रेटर कैलाश-1
एक बुजुर्ग दम्पति की हत्या इस मकान में कर दी गई थी, और इसकेबाद उनके मृत शरीर को वहीं की टंकी से महीने बाद बरामद किया गया। आस-पास रह रहे लोगों ने वहां से किसी के रोने और चीखने-चिल्लाने की आवाजें कई बार सुनी है। इस मकान में अब कोई नहीं रहता और इसे भुतहा घोषित कर दिया है।
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4. जमाली-कमाली का मकबरा और मस्जिद, महरौली,
यह मस्जिद दिल्ली के महरौली में आर्केलॉजिकल कॉम्पलेक्स में स्थित है। यहां सोलवहीं शताब्दी के सूफी संत जमाली और कमाली की कब्र मौजूद है। इस इलाके में लोगों ने धक्का देने और मुक्के मारने की शिकायत की है, साथ ही वे बताते हैं कि यहां से औरतें के रोने और चीखने-चिल्लाने की आवाजें भी आती हैं।
5. संजय वन
किशनगढ़ और महरौली के नजदीक साउथ दिल्ली के बीचों-बीच बसे इस लगभग 10 किलोमीटर के जंगल ट्रेल में भरपूर हरियाली है। इस इलाके में बच्चों की आत्माएं होने का दावा किया गया है। लोगों का कहना है कि यहां उन्होंने बच्चों की चीख-पुकार की आवाजें सुनी हैं।
6. ख़ूनी नदी, रोहिणी
रोहिणी के इलाके से बहती इस नदी के बारे में चर्चित है कि जो भी इस नदी के सम्पर्क में आता है, ये नदी उसका ख़ून चूस लेती है। हालांकि कम शोरगुल वाले इस इलाके में वैसे भी नदी के पास कोई नही आता। कारण, नदी के किनारे लाश मिलना। हत्या, आत्महत्या, दुर्घटना कारण चाहे जो हो, यहां नदी किनारे लाशें मिलना आम बात हो गई है। यही कारण है कि लोग इसे डरावनी जगहों में शुमार करते हैं।
7. मलछा महल, बिस्तदारी रोड
दिल्ली के मलछा गांव में ये महलनुमा पुराना खंडहर है। इसका निर्माण आज से 700 साल पहले फिरोज शाह तुगलक ने करवाया था। वो इसे अपनी शिकारगाह के रूप में इस्तेमाल करते थे। यह महल पिछली कई सदियों से वीरान रहने के कारण खंडहर हो चुका था। इस खंडहर हो चुके महल में 1985 में, अवध घराने की बेगम विलायत खान अपने दो बच्चों, पांच नौकरों और 12 कुत्तों के साथ रहने आई। इस महल में आने के बाद वो कभी इस महल से बाहर नहीं निकली। इसी महल में बेगम विलायत खान ने 10 सितम्बर 1993 को आत्महत्या कर ली थी। कहते है की बेगम की रूह आज भी उसी महल में भटकती है।
8. फिरोज़ शाह कोटला, विक्रमनगर
इस किले का निर्माण सन् 1534 में फिरोज़ शाह तुगलक ने करवाया था। इसके बारे मे कुख्यात है कि यहां की हवेलियों और खंडहरों पर जिन्नों का कब्जा है। आज भी हर गुरुवार यहां स्थानीय लोग आकर मोमबत्तियां और अगरबत्ती जलाकर जिन्नों से मन्नत और दुआएं मांगते देखे जा सकते हैं। किले के कुछ हिस्सों में कटोरे में दूध और कच्चा अनाज भी रखा मिलता है। इसे भूतों का किला भी कहा जाता है।
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9. निकोल्सन कब्रगाह, सिविल लाइंस
निकोल्सन कब्रगाह दिल्ली की सबसे पुराने कब्रगाहों में से एक है। इसे ब्रिटिश राज में स्थापित किया गया था। इस कब्रगाह में ब्रिटिश सैनिकों, उनके पत्नियों और बच्चों की कब्रें हैं। यहां जाने वाला कोई भी इंसान यहां दैवीय धमक महसूस कर सकता है, साथ ही यहां का सन्नाटा तो बस जानलेवा ही होता है।
10. ख़ूनी दरवाज़ा
ये नाम ही अपने-आप में डरावना है! ख़ूनी दरवाज़ा वो जगह है जो इतिहास में दर्ज है। यहां बहादुर शाह जफर के तीन लड़कों को अंग्रेजों ने गोली मार दी थी। कहते हैं कि आज भी इनकी आत्माएं आस-पास भटकती हैं और लोगों से उनके अपमान का बदला लेने पर उतारू रहती हैं।
11. भूली भतियारी का महल, झंडेवालान
यह महल किसी ज़माने में तुगलक वंश का शिकारगाह हुआ करता था। इस महल का नाम 'भूली भतियारीÓ, इसकी देखभाल करने वाली महिला के नाम पर पड़ा है। अंधेरा होना के बाद यहां परिंदा भी पर नहीं मारता। यहां सुनाई देने वाली अजीबोगरीब आवाजें इस माहौल को और डरावना बना देते हैं।
12. म्यूटिनी हाउस, कश्मीरी गेट
यह स्मारक 1857 में मारे गए सिपाहियों की याद में अंग्रेजों ने बनवाया था। हां, यादें और साए अभी भी इस इमारत के आसपास रहते हैं। इसलिए इसे डरावना माना जाता है।
13. अग्रसेन की बावली, कनॉट प्लेस
अग्रसेन की बावड़ी राजधानी दिल्ली में कनाट प्लेस से थोड़ी ही दुरी पर स्थित है। महाराजा अग्रसेन ने चौदवहीं शताब्दी में इस बावड़ी का निर्माण करवाया था। इसकी लंबाई 60 मीटर और चौड़ाई 15 मीटर है। इस प्राचीन स्मारक को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) का संरक्षण प्राप्त है। किसी ज़माने में यह हमेशा पानी से भरी रहती थी, लेकिन अब यह सूख चुकी है। इसके बारे में प्रचलित है कि इसका काला पानी लोगों को सम्मोहित कर आत्महत्या के लिए उकसाता था। इसके तल तक पहुंचने के लिए 106 सीढियां उतरनी पड़ती हैं।
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