फीचर फोन हो सकते हैं 50 फीसद तक महंगे, जानिए क्या है वजह
फीचर फोन्स की कीमत में 50 फीसद की बढ़ोतरी होगी। साथ ही सभी पर जीएसटी भी लागू होगा
नई दिल्ली (जेएनएन)। दूरसंचार विभाग (डॉट) ने कम लागत वाले मोबाइल फोनों में जीपीएस के बजाय वैकल्पिक तकनीक का उपयोग करने की हैंडसेट निर्माताओं की मांग को खारिज कर दिया है। इसके पीछे उसने उपभोक्ताओं, खासतौर से महिलाओं की सुरक्षा का हवाला दिया है। जबकि उद्योग ने आगाह किया है कि इस निर्णय से साधारण यानी फीचर फोन की कीमतों में 50 फीसद तक का इजाफा होगा।
सरकार ने एक जनवरी, 2018 से देश में बेचे जाने वाले सभी मोबाइल फोन में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) इंस्टॉल करना अनिवार्य कर दिया है। इसका मकसद आपातकालीन स्थितियों में सब्सक्राइबर का पता लगाना है। डॉट ने मोबाइल कंपनियों के संगठन इंडियन सेलुलर एसोसिएशन (आइसीए) को जवाब दिया है। इसमें विभाग ने कहा है कि आपात स्थितियों में जीपीएस सब्सक्राइबर की लोकेशन के विवरण को लेकर मुख्य साधन है। लिहाजा, सरकार ने एक जनवरी, 2018 से सभी मोबाइल फोन हैंडसेट में इसे सकारात्मक तरीके से लागू करने का निर्णय लिया है। इसे देखते हुए निर्माताओं को सभी मोबाइल फोन हैंडसेट में जीपीएस सुविधा के क्रियान्वयन के लिए 22 अप्रैल, 2016 को जारी अधिसूचना का पालन करना है।
देश में ज्यादातर मोबाइल कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले आइसीए ने सरकार को ए-जीपीएस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने के लिए एक पत्र लिखा था। यह टेक्नोलॉजी कॉल करने वालों को उनकी लोकेशन के पास स्थित मोबाइल टावरों का इस्तेमाल करते हुए खोजने में मदद करती है। हालांकि, डॉट ने कहा है कि मोबाइल टावरों की मदद से कॉलर को लोकेट करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली विधि बहुत सटीक नहीं है। सभी मोबाइल हैंडसेट में जीपीएस को सुरक्षा विशेष रूप से महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य किया गया है।
जब आइसीए के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज मोहिंद्रू से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि कम लागत वाले फीचर फोन की कीमत 50 फीसद से ज्यादा बढ़ सकती है। वजह यह है कि जीपीएस प्रणाली को जोड़ने के लिए बेहतर कॉन्फिगरेशन की जरूरत होगी।
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