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रैनसमवेयर वायरस के रडार पर है भारत, पढ़िए रिपोर्ट

रैनसमवेयर समेत किन-किन वायरसेज ने ऑपरेटिंग सिस्टम और डिवाइसेज पर अटैक किया है। पढ़ें रिपोर्ट

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Tue, 07 Nov 2017 11:58 AM (IST)Updated: Tue, 07 Nov 2017 01:05 PM (IST)
रैनसमवेयर वायरस के रडार पर है भारत, पढ़िए रिपोर्ट
रैनसमवेयर वायरस के रडार पर है भारत, पढ़िए रिपोर्ट

नई दिल्ली (जेएनएन)। इस वर्ष विंडोज, एंड्रॉयड, लीनक्स और MacOS पर साइबर हमलों की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। रैनसमवेयर वायरस से प्रभावित देशों की सूची में भारत सातवें नंबर पर है। यह बात SophosLabs की Sophos 2018 मालवेयर फोरकास्ट रिपोर्ट में सामने आई है। इस रिपोर्ट में वर्ष 2017 में हुईं रैनसमवेयर की गतिविधियों का रिव्यू किया गया है जिसमें WannaCry, Petya और Bad Rabbit शामिल हैं।

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क्रिप्टो अटैक्स की संख्या में बढ़ोतरी:

SophosLabs के सिक्योरिटी रिसर्चर डोरका पालोटय (Dorka Palotay) ने कहा, “रैनसमवेयर ज्यादातर विंडोज कंप्यूटर्स पर हमला करता है। लेकिन इस वर्ष SophosLabs ने अलग-अलग डिवाइसेज और ऑपरेटिंग सिस्टम्स पर क्रिप्टो अटैक्स की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है।” रिपोर्ट में बताया गया है कि 1 अप्रैल से 3 अक्टूबर के बीच हुई रैनसमवेयर गतिविधियों में से 17 फीसद हमले अमेरिका में, 11 फीसद ग्रेट ब्रिटेन में और 8.6 फीसद बेल्जियम में किए गए हैं।

रैनसमवेयर के बाद इन वायरसेज ने भी किया अटैक:

आपको बता दें कि WannaCry रैनसमवेयर का पता मई 2017 में चला था। उस समय इस वायरस ने कई सिस्टम्स को लॉक या प्रभावित किया था। SophosLabs ने रैनसमवेयर के 45.3 फीसद हमलों की गणना की है। इसके बाद जून में Notpetya नाम का वायरस सामने आया। इसके बाद Cerber और Locky जैसे वायरसेज ने भी कुछ डिवाइसेज को प्रभावित किया। ये दोनों WannaCry और Petya की तरह की काम करते थे। 

BadRabbit से प्रभावित रूस समेत कई देश:

कुछ समय पहले BadRabbit नाम के एक वायरस ने रूस समेत कई देशों पर साइबर अटैक किया था। इससे रूस की इंटरफेक्स न्यूज एजेंसी समेत यूक्रेन एयरपोर्ट पर फ्लाइट में देरी होने जैसी समस्या आ रही है। हालांकि, इससे किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है लेकिन फिर भी अमेरिकी सरकार ने चेतावनी जारी की है। एक साइबर फर्म ESET के रिसर्चर रॉबर्ट लिपोस्की ने बताया, “हैकर्स ने बुनियादी ढांचे को प्रभावित किया है जिसमें ट्रांसपोर्टेशन ऑपरेटर्स भी शामिल हैं। इससे यह साफ पता चलता है कि इस कैंपेन को अच्छी तरह से अंजाम दिया गया है। ESET के मुताबिक, इस हमले में आधे से ज्यादा प्रभावित लोग रूस में थे जिसके बाद यूक्रेन, बल्गारिया, तुर्की और जापान हैं।

ऐसे साइबर अटैक से यूजर्स कैसे बचें?

हालांकि यह एक खतरनाक वायरस है। लेकिन फिर भी कुछ सावधानियां बरत कर आप इससे बच सकते हैं।

डाटा का बैकअप रखें:

रेनसमवेयर वायरस से सबसे ज्यादा नुक्सान डाटा का होता है। यूजर का पर्सनल डाटा, फोटोज, डाक्यूमेंट्स आदि सभी पर अटैक होता है। इसलिए सबसे पहले आप अपने डाटा का पूरा बैकअप रखें। यह भी ख्याल रखें की यह बैकअप आपने इंटरनेट का इस्तेमाल करके न किया हो। कोशिश करें कि बैकअप किसी हार्ड ड्राइव में रख लें। इससे कितना ही खतरनाक वायरस हो, आपके डाटा का कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा।

एंटी वायरस है जरुरी:

किसी भी कंप्यूटर या स्मार्टफोन में एंटी वायरस होना बेहद जरुरी है। एंटी वायरस रेनसमवेयर या किसी अन्य खतरनाक वायरस से भी बचने में आपकी मदद करता है। एंटी वायरस आसानी से पहचान लेता है की आपकी डिवाइस में कौन सा वायरस है।

किसी भी एप या लिंक पर न करें क्लिक:

रेनसमवेयर फाइल या डाटा को हैक करने के लिए सबसे पहले डिवाइस में कुछ एप डाउनलोड करता है। ऐसे में कई बार ब्राउज करते वक्त कुछ ऐसे पॉप-अप लिंक सामने आते हैं और हम ज्यादा ध्यान ना देते हुए क्लिक कर देते हैं। ऐसा बिल्कुल भी न करें। कोई भी ऐसा लिंक, एप या कुछ भी जिस पर जरा सा भी संदेह हो, उसपर क्लिक न करें।

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