नेट न्यूट्रलिटी: इंटरनेट की जीत, एयरटेल से फ्लिपकार्ट का किनारा
नेट की आजादी पर छिड़ा विवाद और गहरा गया है। अब इस विवाद ने कॉरपोरेट जगत में भी दीवार खड़ी करनी शुरू कर दी है। इसकी पहली बानगी मंगलवार को तब देखने को मिली जब ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने देश की सबसे बड़ी मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी एयरटेल कीइस योजना
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। नेट की आजादी पर छिड़ा विवाद और गहरा गया है। अब इस विवाद ने कॉरपोरेट जगत में भी दीवार खड़ी करनी शुरू कर दी है। इसकी पहली बानगी मंगलवार को तब देखने को मिली जब ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने देश की सबसे बड़ी मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी एयरटेल कीइस योजना से किनारा कर लिया, जिसे नेट की आजादी के सिद्धांत के खिलाफ माना जा रहा है।
एयरटेल की इस योजना का नाम जीरो है और माना जा रहा है कि इस प्लेटफार्म पर सभी तरह के एप्स के साथ एक समान व्यवहार नहीं किया जाएगा। दो दिन पहले तक फ्लिपकार्ट एयरटेल के इस ढांचे का समर्थन कर रही थी।
मंगलवार को फ्लिपकार्ट की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि हम हमेशा से इंटरनेट की आजादी का समर्थन करते रहे हैं। आगे भी करते रहेंगे। लेकिन कंपनी एयरटेल के प्रस्तावित 'एयरटेल जीरो' प्लेटफार्म से अपने आपको अलग कर रही है। कंपनी के सह-संस्थापक सचिन बंसल का कहना है कि एयरटेल जीरो पर हमने विचार किया था। हमें ऐसा लगा था कि फ्री इंटरनेट की सेवा दे रहे हैं लेकिन हमारा मानना है कि यह आगे चल कर नेट की आजादी के सिद्धांत से समझौता करने जैसा है।
फ्लिपकार्ट की तरफ से इस तरह से हटने को एयरटेल के लिए बड़ा धक्का माना जा रहा है। असलियत में फ्लिपकार्ट जीरो प्लेटफार्म का इस्तेमाल करने वाली सबसे बड़ी कंपनी हो सकती थी। सरकार पहले ही इस बात के संकेत दे चुकी है कि वह एयरटेल जीरो योजना को लेकर बहुत खुश नहीं है। ऐसे में एयरटेल जीरो के भविष्य को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। नेट न्यूट्रलिटी पर जारी बहस में एक सुर में लोग एयरटेल को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
एयरटेल अंदर से भले ही जीरो को लेकर आशंकित हो लेकिन बाहर से यह दिखाने की कोशिश हो रही है कि यह प्लेटफार्म नेट की आजादी के खिलाफ नहीं है। मंगलवार को देर शाम कंपनी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि इस प्लेटफार्म को लेकर गलत सूचना फैलाई जा रही है। कोई भी कंपनी इस नेटवर्क का इस्तेमाल कर ग्राहकों को फ्री इंटरनेट सेवा दे सकती है। इस प्लेटफार्म पर नहीं रहने वाले एप्स को भी ब्लॉक नहीं किया जाएगा। इसे ग्राहकों से शुल्क वसूलने के लिए नहीं लाया जा रहा है।
इस विवाद ने एयरटेल जीरो की घोषणा के बाद ही तूल पकड़ा है। जीरो प्लेटफार्म को स्वीकार करने वाले एप्स को ग्राहक बगैर किसी शुल्क के इस्तेमाल कर सकेंगे। लेकिन जानकारों का मानना है कि जो भी कंपनी या एप्स इस प्लेटफार्म पर नहीं आएंगे उनके इस्तेमाल के लिए ग्राहकों से अलग से राशि वसूली जाएगी। इस तरह से एक ही फोन और एक ही मोबाइल सेवा कंपनी की सेवा पर दो इंटरनेट कंपनियों की सेवा के लिए अलग अलग शुल्क देना पड़ेगा।
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