बार-बार इमेल्स चेक करना दे सकता है तनाव
तनावग्रस्त महसूस कर रहे? हो सकता है इनबॉक्स बर्नआउट से पीडि़त हों आप! एक नये शोध से पता चला है कि कभी-कभार इमेल चेक करने वाले लोगों को कम स्ट्रेस होता है जबकि बहुत ज्यादा इमेल चेक करने वाले स्ट्रेस से भरे होते हैं।
टोरंटो। तनावग्रस्त महसूस कर रहे? हो सकता है इनबॉक्स बर्नआउट से पीडि़त हों आप! एक नये शोध से पता चला है कि कभी-कभार इमेल चेक करने वाले लोगों को कम स्ट्रेस होता है जबकि बहुत ज्यादा इमेल चेक करने वाले स्ट्रेस से भरे होते हैं।साथ ही यह भी सामने आया है कि यह एक ऐसी लत है कि इससे छुटकारा पाना काफी मुश्किल है। यह जानते हुए कि यह एक तनावपूर्ण काम है फिर भी अपना इमेल अकाउंट चेक करने से खुद को काफी मुश्किल से रोक पाते हैं लोग।
एक अध्ययन में124 व्यस्कों जिनमें विद्वार्थियों, आर्थिक विश्लेषकों, मेडिकल व्यवसायियों को रखा गया और उन्हें एक हफ्ते तक प्रतिदिन तीन बार इमेल चेक करने का निर्देश दिया गया। बाकी बचे लोगों को कहा गया कि जितनी ज्यादा बार संभव हो सके मेल चेक करें। इस शोध के दौरान प्रतिभागियों ने स्ट्रेस लेवल समेत अपने प्रतिदिन सर्वे का जवाब भी विस्तार से दिया।
इस शोध का नेतृत्व कर रहे कोस्टाडीन कुशलेव ने कहा, 'हमारा निष्कर्ष यह दिखाता है कि लोग कम तनावग्रस्त महसूस करते हैं जब वे कम इमेल चेक करते हैं। इसलिए कुश्लेव का कहना है कि वर्कर्स के तनाव को कम करने में संस्थान इनकी मदद कर सकता है। बजाय इसके कि बार-बार वो अपने इमेल मैसेज का जवाब दें अच्छा है कि एक इंटरवल पर उसे चेक किया जाए। इस शोध को जर्नल कंप्यूटर्स इन ह्यूमन बिहेवियर में पब्लिश किया गया है।
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