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क्या होता है 1G, 2G, 3G, 4G, 5G का मतलब, एक क्लिक में जानिए

भारत में जल्द ही 5G तकनीक दस्तक दे सकती है। ऐसे में हम आपको 1G, 2G, 3G, 4G और 5G का असली मतलब बताने जा रहे हैं

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Wed, 07 Jun 2017 12:09 PM (IST)Updated: Thu, 29 Jun 2017 01:21 PM (IST)
क्या होता है 1G, 2G, 3G, 4G, 5G का मतलब, एक क्लिक में जानिए
क्या होता है 1G, 2G, 3G, 4G, 5G का मतलब, एक क्लिक में जानिए

नई दिल्ली। इंटरनेट की दुनिया में कई बदलाव देखे गए हैं। पहले यूजर्स 1G का इस्तेमाल करते थे और अब 4जी को यूज कर रहे हैं। 1G से 4G तक का सफर न सिर्फ इंटरनेट दुनिया के लिए बल्कि यूजर्स के लिए भी काफी बदलाव लेकर आया। 4G तकनीक ने यूजर्स को इंटरनेट पहले से ज्यादा तेज इस्तेमाल करने का मौका दिया। और अब भारत में जल्द ही 5G भी दस्तक दे सकता है। हम सभी 5G की बातें कर रहे हैं लेकिन क्या आपको 1G, 2G, 3G, 4G और 5G का असली मतलब पता है? जाहिर है कि कई लोगों को इस बारे में नहीं पता होगा। इसी के चलते आज हम आपके लिए ये जानकारी लाएं हैं। इस पोस्ट में हम आपको 1G, 2G, 3G, 4G और 5G का मतलब बताने जा रहे हैं। 

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सबसे पहले हम आपको G का मतलब बताएंगे:

G का मतलब Generation है। जब भी किसी फोन में नई तकनीक लाई जाती है तो उसे नेक्सट जनेरेशन का स्मार्टफोन कहा जाता है। अगर इसे उदाहरण के तौर पर समझा जाए तो फोन की शक्ल अब बदल चुकी है, पहले wired फोन आते थे, फिर cordless फोन आए और अब वायरलैस फोन का चलन है। ठीक ऐसे ही तकनीक में भी बदलाव आ रहा है।

वायरलैस फोन के लिए 1G सबसे पहली जनरेशन थी: 

ये एनेलोग सिग्नल का इस्तेमाल करता था। इसे 1980 में पेश किया गया। इसकी स्पीड लिमिट 2.4 kbps पर काम करता था। सबसे पहले इसे अमेरिका में पेश किया गया था, इन फोन्स की बैटरी लाइफ काफी खराब होती थी। यही नहीं, इनकी वॉयस क्वालिटी और सिक्योरिटी भी खराब थी। आप नीचे दी गई तस्वीरों में उन फोन्स को देख सकते हैं। 

1991 में आई 2G तकनीक:

यह GSM पर आधारित थी। यह डिजिटल सिग्नल इस्तेमाल करती थी। इसकी स्पीड 64 kbps थी। इसे पहले फिनलैंड में लॉन्च किया गया था। इन फोन्स से एसएमएस, कैमरा और मेलिंग जैसे सर्विसेस को शुरु किया गया। नीचे दी गई तस्वीरों में उन फोन्स को देख सकते हैं। 

2000 में आई 3G तकनीक:

इसके जरिए हैवी गेम्स, बड़ी फाइल्स को ट्रांसफर करना और वीडियो कॉलिंग फीचर जैसे सर्विस दी जाने लगी। इन्हें स्मार्टफोन भी कहा जाता है। इसके बाद नए डाटा प्लान्स लॉन्च किए गए। नीचे दी गई तस्वीरों में फोन्स को देख सकते हैं। 

2011 में आई 4जी तकनीक:

इसके जरिए यूजर्स 100 Mbps यानि 1 Gbps की स्पीड का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये 3G से ज्यादा महंगा है। हालांकि, लुक के मामले में दोनों फोन में कोई अंतर नहीं है। नीचे दी गई तस्वीरों में फोन्स को देख सकते हैं। 

2020 में लॉन्च हो सकता है 5G: 

ऐसा माना जा रहा है कि इसकी कनेक्टिविटी और स्पीड में कोई लिमिट नहीं होगी। ये भविष्य की वायरलैस तकनीक होगी। 5जी सपोर्ट फोन में ज्यादा सिक्योरिटी होगी।

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